Short Teaser
हर शाम गली के मोड़ पर वही दुकान ,वही हवा बस एक जोड़ी आँखें थीं जो कुछ ज़्यादा कह जाती थीं।पप्पू पान खाता था ,मगर उसका मन किसी और स्वाद के इंतज़ार में था।
Character Detail
पप्पू (26):दुबला – पतला मगर निगाहों से तीर चलाने वाला।बेरोज़गार ,पर वक्त और हिम्मत दोनों बहुत।आँखों में वो भूख थी जो ज़िंदगी से नहीं ,किसी की झलक से मिटती थी।रेखा भाभी (32):गली की सबसे सजी – धजी औरत।पति ट्रक ड्राइवर ,महीनों बाहर।रेखा की चाल में ऐसी लहर थी कि हवा भी रुककर देखे।उसकी मुस्कान में ताना नहीं ,इशारा होता था।श्यामू (40):पान की दुकान चलाता है।सब जानता है ,मगर बोलता नहीं।दोनों की खामोशियों का गवाह।
Plot / Setting
एक छोटा कस्बा ,जहाँ गली के मोड़ पर पान की दुकान थी – वही जगह जहाँ शाम को हवा चलती ,और साथ में कुछ इरादे भी उड़ते।शाम की हल्की रोशनी ,और पान के सुर्ख कतरे – हर चीज़ में कोई कहानी छिपी थी।
कहानी की शुरुआत उस शाम से हुई जब रेखा भाभी ने पहली बार अपनी खिड़की से नीचे झाँका।सफ़ेद सूती साड़ी ,गीले बाल ,और चेहरे पर हल्की चमक – जैसे किसी ने चाँद को धोकर रख दिया हो।पप्पू उसी वक़्त पान लेने आया था।नज़रें मिलीं ,और उसके दिल की धड़कनें ऐसे भागीं जैसे किसी ने अंदर आग सुलगा दी हो।
" क्या हुआ पप्पू ,आज ज़्यादा मीठा बनाऊँ ?" श्यामू हँसा।पप्पू मुस्कुराया , " हाँ भैया आज ज़रा खास मूड में हूँ।" रेखा भाभी की नज़र नीचे गई ,फिर ऊपर।होंठों पर मुस्कान और आँखों में शरारत।वो खिड़की से थोड़ी झुकीं ,जैसे हवा को छूना चाहती हों – मगर हवा तो नीचे खड़े पप्पू के पास पहुँच चुकी थी।
रेखा ने कपड़े समेटे ,बाल कानों के पीछे किए।वो जानती थी कि नीचे कौन देख रहा है – और उसे देखने में उन्हें कोई एतराज़ नहीं था।पप्पू ने अपनी जेब से सिक्का निकाला ,मगर नज़र ऊपर से हटाई नहीं।श्यामू ने नोटिस किया ,मगर कुछ कहा नहीं – बस मुस्कुराया , " पान ठंडा है ,पर मुँह किसी और वजह से जल रहा लगता है।"
गली में कुछ बच्चे खेल रहे थे ,पर उस खामोशी के बीच सिर्फ़ दो लोगों की साँसें सुनाई दे रही थीं।रेखा धीरे – धीरे अंदर चली गईं ,पर परदे के बीच से एक बार फिर झाँका – बस एक पल ,मगर उस पल में पप्पू को पूरी रात का सपना दिख गया।
शामें अब बदल गईं।पप्पू रोज़ उसी वक़्त आता ,और रेखा की खिड़की रोज़ उसी तरह खुल जाती।कभी बाल सुखाते हुए ,कभी कपड़े झाड़ते हुए ,कभी यूँ ही हवा खाने के बहाने – और हर बार पप्पू की आँखें वहीं टिक जातीं।धीरे – धीरे ये रिवाज़ बन गया – बिना शब्दों का ,मगर बहुत कुछ कहता हुआ।
एक दिन रेखा ने नीचे देखा और मुस्कुराई – " बहुत पान खाते हो पप्पू ,मुँह लाल नहीं थकता ?" पप्पू बोला , " लाल तो तब होता है भाभी ,जब कोई देखता है।" रेखा की हँसी ने हवा में मिठास घोल दी ,और उस पल श्यामू ने पान थमाते हुए कहा , " अब तो गली में मिठास फैलने लगी है।"
उस रात जब पप्पू घर लौटा ,खिड़की के बाहर से वही परछाई दिखी – रेखा की।उसने खिड़की बंद नहीं की थी।हवा में पान की खुशबू और उस शाम की अधूरी बातें घुली थीं।पप्पू देर तक जागता रहा ,क्योंकि अब उसे सिर्फ़ खिड़की नहीं ,किसी की आँखों की नींद चाहिए थी।
उस आवाज़ ने पप्पू के कदम रोक दिए।उसने धीरे – धीरे पलटकर देखा – सामने रेखा खड़ी थी।हल्के गुलाबी सूट में ,बाल खुले हुए ,और चेहरे पर वही आधी मुस्कान जो पप्पू के दिल की गांड तक बेचैन कर देती थी।उसकी निप्पल हल्की सी उभरी ,और आँखों में नटखट चमक ।" भाभी आप ?" पप्पू की आवाज़ में घबराहट और वासना दोनों थी।रेखा ने कहा , " क्यों ,अब नीचे भी नहीं देख सकते क्या ?" पप्पू ने झेंपते हुए जवाब दिया , " देख तो रहा था पर आज खिड़की बंद थी।" रेखा मुस्कुराई , " खिड़की बंद थी ,पर मैं तो खुले में थी न।"
हवा में मिट्टी की खुशबू घुली थी – बारिश आने वाली थी।रेखा ने आँचल ठीक किया ,मगर उसकी उँगलियाँ काँप रही थीं।पप्पू ने नोटिस किया – उसकी चूत पर चमक और हल्की गर्माहट महसूस हुई।वो बस चुपचाप देखता रहा ,जैसे किसी ख्वाब को अपनी आँखों में उतारना चाहता हो।
रेखा ने थोड़ा पास आकर कहा , " लोग कहते हैं ,तुम दिनभर गली में बैठे रहते हो।इतना वक्त किसके लिए बचा कर रखते हो ?" पप्पू मुस्कुराया , " जिसे देखने का मन करे ,उसके लिए वक्त अपने आप बच जाता है।" रेखा ने नीचे देखा ,फिर उसकी आँखों में सीधा झाँका – वो नज़र उतनी देर टिकी रही कि पप्पू के लंड की रफ्तार भी बढ़ गई।
" कभी पान के बिना भी यहाँ आ जाना ," रेखा ने धीमे से कहा।" तो बहाना क्या बताऊँ श्यामू को ?" रेखा हँसी , " कह देना किसी ने प्यासा भेजा था।"
पास की बिजली चमकी ,बारिश की पहली बूँद गिरी।दोनों कुछ पल वहीं खड़े रहे – रेखा ने अपने बालों को पीछे किया ,और उस हरकत में पप्पू की चूची पर हल्का खिंचाव महसूस हुआ।श्यामू की आवाज़ दूर से आई , " अरे पप्पू ,जा न !दुकान बंद करनी है।" पप्पू ने जवाब नहीं दिया।वो बस रेखा को देखता रहा ,जैसे कोई नया राज़ खुलने वाला हो।
रेखा बोली , " कल शाम खिड़की खुली रहेगी अगर हिम्मत हो तो ऊपर से देख लेना।" इतना कहकर वो चल दी।बारिश तेज़ हो चुकी थी।पप्पू भीगता हुआ घर पहुँचा ,मगर सिर में वही आवाज़ गूंज रही थी – " अगर हिम्मत हो तो ऊपर से देख लेना "
रात लंबी थी ,पर नींद नहीं आई।हर बार जब बिजली चमकती ,उसे लगता जैसे रेखा खिड़की पर खड़ी है।वो खुद से कहता – " कल जाऊँगा जो भी हो।"
अगली शाम ,गली में फिर वही हवा ,वही दुकान।श्यामू पान काट रहा था ,मगर आज पप्पू की नज़र दुकान पर नहीं थी – वो सीधा ऊपर खिड़की की ओर देख रहा था।खिड़की खुली थी।रेखा झुककर बाल सुखा रही थी।हवा ने उसके दुपट्टे को उड़ाया – और उसी पल उसकी नज़रें नीचे पप्पू से मिलीं।
वो मुस्कुराई नहीं ,बोली भी नहीं बस उँगली से इशारा किया – " सीढ़ियों से आओ।" पप्पू का दिल जोरों से धड़कने लगा।श्यामू कुछ पूछ पाता ,उससे पहले ही पप्पू गली के कोने से मुड़ गया।
उसके कदम भारी थे ,लेकिन दिल किसी और ही रफ़्तार में था।उसने पहली बार महसूस किया – मोहब्बत और छेड़छाड़ की महक डर से कहीं ज़्यादा तेज़ होती है।
पप्पू का दिल गांड तक धड़क रहा था।सीढ़ियाँ चढ़ते ही उसे रेखा की हल्की हँसी सुनाई दी – जैसे हवा में घुली वासना ।रेखा खड़ी थी ,बाल पीछे किए हुए ,स्तन हल्के सूट में उभर रहे थे।उसकी आँखों में वही नटखट चमक ,और होंठों का खेल जैसे किसी आम दिन की बात नहीं ,बल्कि forbidden thrill की तरह था।" आ गए ?" उसने धीमे से पूछा।पप्पू ने सिर हिलाया ,आवाज़ में कसना और हल्की कराहती झलक।रेखा ने कदम बढ़ाया – उसका हाथ पप्पू के कंधे पर टिका ,हल्की छेड़छाड़ की।
" नज़र मत हटा ,वरना पछताओगे ," उसने फुसफुसाया।पप्पू का दिल तेज़ धड़कने लगा।उसने देखा – रेखा की उँगलियाँ उसकी बाजू पर रेंग रही थीं ,हल्का खिंचाव और गर्माहट दोनों महसूस हो रहे थे।" इतनी जल्दी और इतनी नटखट ?" पप्पू ने कहा।रेखा हँसी , " पान की दुकान में सब देखते हैं ,पर कोई समझ नहीं पाता ये तो सिर्फ़ हम दोनों का खेल है।"
पप्पू ने रेखा के नखरे नोटिस किए।वह झुककर उसकी चूची पर हाथ फेरता है ,हल्की गर्मी महसूस करता है।रेखा ने अचानक पीछे मुड़कर उसके होंठों को अपनी ओर खींचा – चुंबन धीरे ,पर धीरे – धीरे गहरा होता जा रहा था।" बस इतना ?" पप्पू ने फुसफुसाया।" इतना ही नहीं अगला कदम सोचते हैं ," रेखा ने कहकर उसके कान के पास धीरे से सांस छोड़ी।
हवा का झोंका खिड़की से आया ,दुपट्टा उड़ाया और चूतड़ों की हल्की नज़र पप्पू की ओर गई।पप्पू खुद को रोक नहीं पाया – उसकी लंड अब पूरी तरह तैयार थी।रेखा ने देखा और मुस्कुराई – " नटखट तो तुम भी कम नहीं " फिर अचानक उसके हाथ पप्पू की गर्दन पर टिक गए ,और धीरे से दबाव बढ़ाया।
दोनों का intimate touch धीरे – धीरे बढ़ रहा था।रेखा ने पप्पू को अपनी ओर खींचा ,उसके होंठों का खेल और चूमें का मज़ा लिया।" अगर कोई देख ले " पप्पू ने फुसफुसाया।" तो क्या ?" रेखा ने मुस्कान दी , " गली में तो सबकुछ नजर आता है पर ये हमारी geheim कहानी है।"
उसकी बातें पप्पू के सिर में घुल गईं।उसने महसूस किया – रेखा की गर्माहट ,उसका खिंचाव ,और हल्की कराहती आवाज़ें जैसे रात की हवा में घुल गई थीं।
Twist / Emotional Hook
जैसे ही पप्पू ने एक कदम और बढ़ाया ,खिड़की के बाहर से अचानक आवाज़ आई – किसी ने सीढ़ियाँ चढ़ते हुए कदम रखे।पप्पू और रेखा दोनों थम गए।रेखा ने फुसफुसाया – " कौन होगा ?" दोनों की नज़रें एक – दूसरे पर टिकीं ,वासना और सस्पेंस का मेल।सीढ़ियों की हर आहट अब रोमांच को और तेज़ कर रही थी।
रेखा और पप्पू दोनों की वासना अब हवा में घुल गई थी।सीढ़ियों की हर आहट पर रेखा ने निप्पल पर हल्का सा दबाव दिया ,और पप्पू की लंड को छूते ही उसकी सांसें तेज़ हो गईं।" तुम सच में नटखट हो ," पप्पू ने फुसफुसाया ,चूतड़ों को धीरे से पकड़ते हुए।रेखा हँसी – " और तुम तो जैसे इंतज़ार कर रहे थे " उसने उसके होंठों का खेल जारी रखा ,धीरे – धीरे चुंबन की गहराई बढ़ाते हुए।
हवा खिड़की से आती रही ,और दुपट्टा दोनों के बीच फड़फड़ाता रहा।रेखा ने हाथ पप्पू की गर्दन से लेकर गांड तक स्लाइड किया।उसकी गर्माहट महसूस करते ही पप्पू के हाथ खुद – ब – खुद उसके स्तन पर टिक गए।" इतना करीब " पप्पू ने फुसफुसाया ,आवाज़ में कराहती झलक।" और अभी तो शुरुआत है ," रेखा ने मुस्कान देते हुए कहा।
पप्पू ने धीरे से रेखा का कमर कसकर पकड़ा।Intimate touch में दोनों की धड़कनें मिल गईं।रेखा ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा – " गली में सब देख रहे होंगे पर हमारी छेड़छाड़ सिर्फ़ हमारे लिए है।" उसने अपने हाथों से पप्पू की लंड को छुआ ,और उसे अपने करीब खींच लिया।
बाहर से किसी ने हल्की हँसी सुनी।दोनों ने तुरंत एक – दूसरे की ओर देखा।" कौन होगा ?" रेखा ने फुसफुसाया ,खिंचाव महसूस करते हुए।" पर अब मैं रुकेगा नहीं ," पप्पू ने धीमी हँसी में जवाब दिया ,और उसके नखरे निहारते हुए चूमें में गहराई बढ़ाई।
रेखा की चूची पर धीरे – धीरे उसके हाथ गए ,और उसकी कराहती सांसें हवा में घुलने लगीं।" बस इतना ही ?" पप्पू ने कहा।" इतना ही नहीं अगला कदम सोचो ," रेखा ने कान के पास फुसफुसाया ,intimate teasing और वासना दोनों बढ़ाते हुए।
सीढ़ियों की हर आवाज़ अब thrill बढ़ा रही थी।रेखा ने पप्पू की हाथों का खेल महसूस किया – हल्का गर्माहट ,कसना ,और खिंचाव ।" अगर कोई देख ले " पप्पू ने फुसफुसाया।" तो क्या ?" रेखा ने नटखट मुस्कान दी , " ये तो हमारी secret कहानी है।"
रेखा और पप्पू की वासना अब उबल रही थी।सीढ़ियों की हर हल्की आहट पर रेखा ने अपने नखरे दिखाए ,और पप्पू की लंड झनझनाहट से कराहती ।" इतना नटखट क्या सब देखेंगे ?" पप्पू ने फुसफुसाया ,हाथों से उसकी चूतड़ों को धीरे छूते हुए।रेखा ने हँसते हुए कहा – " जो देखेंगे ,वो सिर्फ़ हमारी कहानी के गवाह हैं " और फिर उसके होंठों का खेल शुरू कर दिया।
गली में हल्की हवा के साथ दुपट्टा फड़फड़ाया।रेखा ने अपनी चूची को पप्पू के हाथों के साथ छूते हुए ,गर्माहट महसूस की।" तुम सच में मज़ाक नहीं कर रहे हो न ?" उसने फुसफुसाया।" मज़ाक ?नहीं बस तुम्हारी स्तन और चूमें मुझे इंतज़ार नहीं करने दे रहे।"
पप्पू ने धीरे से उसका कमर कसकर पकड़ लिया।Intimate touch में दोनों की धड़कनें मिल गईं।रेखा ने कान के पास फुसफुसाया – " अगर कोई देख ले " खिंचाव और वासना दोनों बढ़ते हुए।" तो क्या ?" पप्पू ने हँसते हुए जवाब दिया और उसके निप्पल पर हल्का सा दबाव डाला।
रेखा ने धीरे – धीरे पप्पू की लंड को छुआ और उसे अपने करीब खींचा।बाहर से किसी ने अचानक हँसी सुनी।दोनों ने एक – दूसरे की ओर देखा।" कौन होगा ?" रेखा ने फुसफुसाया ,intimate teasing रोकते हुए।" पर अब मैं रुकेगा नहीं ," पप्पू ने धीमी हँसी में कहा और उसके चूतड़ों के पास हाथ फेरते हुए।
रेखा की चूची पर धीरे – धीरे उसके हाथ गए।उसकी कराहती सांसें हवा में घुल गईं।" बस इतना ही ?" पप्पू ने कहा।" इतना ही नहीं अगला कदम सोचो ," रेखा ने कान के पास फुसफुसाया।intimate teasing और वासना दोनों बढ़ते हुए।
सीढ़ियों की हर आवाज़ अब thrill बढ़ा रही थी।रेखा ने पप्पू की हाथों का खेल महसूस किया – हल्का गर्माहट ,कसना ,और खिंचाव ।" अगर कोई देख ले " पप्पू ने फुसफुसाया।" तो क्या ?" रेखा ने नटखट मुस्कान दी , " ये तो हमारी secret कहानी है।"
रेखा और पप्पू की आँखें एक – दूसरे में गहराई से फँसी थीं।सीढ़ियों की हर हल्की आहट ने उनकी वासना को और तेज़ कर दिया।रेखा ने पप्पू की हाथों की गर्माहट महसूस की ,और उसके नखरे अब और भी नटखट लग रहे थे।" इतना नज़दीक क्या लोग देख रहे होंगे ?" रेखा ने हल्की हँसी में पूछा ,लेकिन उसकी चूची ने जवाब पहले ही दे दिया।
पप्पू ने उसके चूतड़ों को धीरे से छूते हुए कहा , " देखेंगे या नहीं ,मुझे फर्क नहीं पड़ता बस तुम्हारी कराहती सांसों की आवाज़ सुननी है।" रेखा ने होंठों का खेल शुरू किया ,उसके चूमें और tease के बीच ,और पप्पू की लंड अब गर्माहट से पसीने में भीग रही थी।" बस इतनी देर में मुझे और चाहिए ," उसने फुसफुसाया।
गली में हल्की हवा चली ,और दुपट्टा उसके स्तन पर फड़फड़ाया।पप्पू ने उसे अपने पास खींचा और उसकी चूची पर हाथ फेरते हुए धीरे से निप्पल छू लिए।" तुम सच में नटखट हो ," पप्पू ने हँसते हुए कहा।" और तुम भी ," रेखा ने आँखें झुकाते हुए जवाब दिया , " पर ये secret thrill मुझे बहुत भाता है।"
बाहर से किसी ने फिर कदमों की आहट दी।दोनों ने एक – दूसरे की ओर देखा।forbidden thrill अब peak पर थी।" अगर कोई देख ले " रेखा ने फुसफुसाया।" तो क्या ?" पप्पू ने जवाब दिया और उसके चूतड़ों को और कसकर पकड़ा।
रेखा की चूची ने अब और कराहती आवाज़ें दी।पप्पू ने उसके होंठों का खेल और teasing बढ़ाई।" इतनी public-ish thrill मज़ा आ रहा है ?" पप्पू ने कान के पास फुसफुसाया।रेखा ने सिर हिलाया और उसकी गर्माहट महसूस की ,जैसे उसकी वासना हवा में घुल गई हो।
सीढ़ियों के पास खड़ी छायाओं ने दोनों की धड़कनों को और तेज़ कर दिया।रेखा ने पप्पू की हाथों का खेल महसूस किया ,धीरे से अपने स्तन उसके हाथों में फँस गए।" बस अभी नहीं रुकना ," उसने फुसफुसाया।" तुम्हारे निप्पल ने मुझे पागल कर दिया ," पप्पू ने धीरे से कहा और उसके चूतड़ों को और tease किया।
बाहर से गली में हल्की हँसी सुनी गई।दोनों की intimate touch अब suspense और craving दोनों में बदल गई।" कौन होगा वो ?" रेखा ने फुसफुसाया।" पर अब मैं रुकेगा नहीं ," पप्पू ने जवाब दिया ,hands-on teasing और blush को high करते हुए।
रेखा ने अपनी चूची पर उसके हाथ महसूस किए और अपने गर्दन पर नज़दीकी का खिंचाव पाया।" इतनी नज़दीकी दिल बहका रहा है ," उसने धीरे से कहा।" बस थोड़ी देर और " पप्पू ने कान के पास फुसफुसाया।
बाहर बिजली की चमक हुई ,और दोनों की कराहती आवाज़ें हवा में घुल गईं।रेखा ने उसकी लंड को महसूस किया ,और पप्पू ने उसके चूमें में teasing बढ़ाई।" अगर कोई देख ले तो ?" रेखा ने हल्की हँसी में पूछा।" तो क्या ,ये secret हमारा है ," पप्पू ने हँसते हुए कहा।
रेखा और पप्पू अब सीढ़ियों के पास खड़े थे।गली में हल्की हवा उनके वासना भरे शरीरों को और tease कर रही थी।पप्पू ने उसके स्तन को धीरे से छुआ ,और रेखा की चूची ने तुरंत जवाब दिया – हल्की कराहती आवाज़ें ,जैसे कोई secret language ।
" इतना नज़दीक लोगों को पता तो नहीं चलेगा ?" रेखा ने हँसते हुए पूछा ,blush के साथ।" अगर देख भी लें मुझे फर्क नहीं पड़ता।बस तुम्हारी गर्माहट महसूस करना है ," पप्पू ने फुसफुसाया।उसके हाथ अब उसके चूतड़ों पर और tease कर रहे थे।
रेखा ने होंठों का खेल शुरू किया ,और पप्पू ने उसकी चूमें को धीरे – धीरे लंबा खींचा।उसकी लंड अब गर्माहट से और alert हो रही थी।" बस अभी और " रेखा ने फुसफुसाया।" बस थोड़ी देर ये secret हमारा है ," पप्पू ने हँसते हुए जवाब दिया।
गली में हल्की रौशनी से उनके नखरे और intimate touch का खेल और भी visible हो गया।" इतनी public-ish thrill मज़ा आ रहा है ?" पप्पू ने कान के पास फुसफुसाया।रेखा ने सिर हिलाया ,निप्पल पर उसके हाथ महसूस किए ,और अपनी चूची में teasing का खिंचाव महसूस किया।
सीढ़ियों की ओर से किसी ने हल्की आहट दी।दोनों की कराहती सांसें अब suspense और craving में बदल चुकी थीं।" कौन होगा ?" रेखा ने फुसफुसाया , blush के साथ।" मुझे फर्क नहीं पड़ता बस तुम्हारी चूतड़ों और गर्माहट में खो जाना है ," पप्पू ने हँसते हुए कहा।
रेखा ने धीरे से उसके हाथों का खेल महसूस किया ,और पप्पू ने उसके स्तन और निप्पल पर teasing बढ़ाई।" इतनी नज़दीकी दिल बहक रहा है ," उसने फुसफुसाया।" बस थोड़ी देर और ये secret thrill हमारा है ," पप्पू ने जवाब दिया।
बाहर से बिजली चमकी ,और दोनों की वासना भरी सांसें हवा में घुल गईं।रेखा ने उसकी लंड को महसूस किया ,और पप्पू ने उसके चूमें में teasing और blush बढ़ाया।" अगर कोई देख ले तो ?" रेखा ने फुसफुसाया।" तो क्या ,ये secret हमारा है।कोई नहीं जान पाएगा ," पप्पू ने मुस्कुराते हुए कहा।
रेखा और पप्पू अब गली के एक कोने में छुपे थे।हर कदम की आहट उनके दिल की धड़कन और वासना को और बढ़ा रही थी।पप्पू ने उसके स्तन को धीरे से मसला ,और रेखा की चूची ने तुरंत जवाब दिया – हल्की कराहती आवाज़ें ,जैसे कोई secret language ।
" इतना नज़दीक लोगों को पता तो नहीं चलेगा ?" रेखा ने हँसते हुए कहा ,blush के साथ।" अगर देख भी लें मुझे फर्क नहीं पड़ता।बस तुम्हारी गर्माहट महसूस करना है ," पप्पू ने फुसफुसाया।उसके हाथ अब उसके चूतड़ों पर teasing कर रहे थे।
रेखा ने उसकी होंठों का खेल शुरू किया ,और पप्पू ने धीरे – धीरे उसकी चूमें में अपनी वासना घोल दी।उसकी लंड अब पूरी तरह alert हो चुकी थी।" बस अभी और " रेखा ने फुसफुसाया।" बस थोड़ी देर ये secret thrill हमारा है ," पप्पू ने हँसते हुए कहा।
गली की हल्की रौशनी में उनके नखरे और intimate touch का खेल और भी visible हो गया।" इतनी public-ish thrill मज़ा आ रहा है ?" पप्पू ने कान के पास फुसफुसाया।रेखा ने सिर हिलाया ,निप्पल पर उसके हाथ महसूस किए ,और अपनी चूची में teasing का खिंचाव महसूस किया।
सीढ़ियों की ओर से अचानक हल्की आहट हुई।दोनों की कराहती सांसें अब suspense और craving में बदल चुकी थीं।" कौन होगा ?" रेखा ने फुसफुसाया , blush रोकते हुए।" मुझे फर्क नहीं पड़ता बस तुम्हारी चूतड़ों और गर्माहट में खो जाना है ," पप्पू ने कहा।
पप्पू ने उसके हाथों का खेल महसूस किया ,और उसके स्तन और निप्पल पर teasing बढ़ाई।" इतनी नज़दीकी दिल बहक रहा है ," उसने फुसफुसाया।" बस थोड़ी देर और ये secret thrill हमारा है ," पप्पू ने जवाब दिया।
बिजली चमकी ,और उनके वासना भरे शरीर की गर्माहट हवा में फैल गई।रेखा ने उसकी लंड को महसूस किया ,और पप्पू ने उसके चूमें में blush और teasing बढ़ा दी।" अगर कोई देख ले तो ?" रेखा ने फुसफुसाया।" तो क्या ,ये secret हमारा है।कोई नहीं जान पाएगा ," पप्पू ने मुस्कुराते हुए कहा।
रेखा और पप्पू अब गली के एक secluded कोने में पूरी तरह अकेले थे।पप्पू ने धीरे से उसके स्तन और निप्पल को पकड़ा ,और रेखा की चूची ने पूरी तरह जवाब दिया।उसकी कराहती सांसें अब गर्माहट और craving से भर गई थीं।
" इतना हाँ पप्पू " रेखा ने फुसफुसाया ,blush से चेहरा लाल।पप्पू ने उसकी गांड और चूतड़ों को teasing करते हुए धीरे – धीरे उसे पीछे से अपने पास खींचा।उसकी लंड अब पूरी तरह alert थी।" बस अब नहीं रुकेगा ," पप्पू ने फुसफुसाया और उसके intimate अंग पर धीरे – धीरे दबाव बढ़ाया।
रेखा ने उसके होंठों का खेल शुरू किया।चुंबन इतने गहरे और hot थे कि हर अंग में खिंचाव और craving फैल गई।पप्पू ने धीरे से उसकी चूतड़ों को चूमा ,और रेखा की चूची ने झटका लिया।उसकी कराहती आवाज़ ने रात को और भी erotic बना दिया।
अब उन्होंने सीधे sex की ओर कदम बढ़ाया।पप्पू ने उसकी गांड में धीरे – धीरे प्रवेश किया।" ओह हाँ बस थोड़ा और " रेखा ने कराहते हुए कहा।गली की ठंडी हवा में उनके शरीर की गर्माहट और उनके नटखट नखरे का mixture suspense और vasna को peak पर ले गया।
चाँद की रौशनी में उनकी blush ,intimate touch और chudai की raw energy पूरी गली में झलक रही थी।पप्पू ने उसके स्तन और निप्पल को पकड़ते हुए उसके होंठों का खेल और teasing बढ़ा दी।" बस नहीं रुको मत अभी " रेखा ने फुसफुसाया ,उसके हाथ उसके chutdon और gaand पर फँसे हुए।
धीरे – धीरे उनकी sex और foreplay का crescendo peak पर पहुंचा।रेखा की चूची ,पप्पू की लंड ,और उनकी hot intimacy ने रात को पूरी तरह erotic बना दिया।" ओह्ह्ह हाँ पप्पू अभी अभी " रेखा की कराहती आवाज़ ने रात में echo किया।
और फिर ,दोनों ने साथ में climax महसूस किया।उनकी गर्माहट ,vasna ,और craving ने गली की चुप्पी को तोड़ दिया।रेखा की चूची पूरी तरह संतुष्ट थी ,और पप्पू की लंड ने वही release पाया जिसकी उन्होंने रात भर तलाश की थी।
Twist / Emotional Closure
जैसे ही वह शांत हुए ,रेखा ने blush और गर्माहट के साथ कहा :" ये secret अब हमारा है।कोई नहीं जान पाएगा।" पप्पू ने मुस्कुराते हुए सिर हिलाया :" बस यही thrill हमें याद रहेगा और ये craving हमेशा जिंदा रहेगी।"
गली में अब सिर्फ उनकी सांसों की गूंज ,blush ,और अनकही वासना रह गई।दोनों ने एक दूसरे की आँखों में देखा – guilt, thrill और intense craving का perfect mix ।