उसके मुँह से बस ‘आह आह ओह ओह नितेश मेरी चूत को फाड़ दो आज …सारी खुजली मिटा दो इसकी …’ यही सब निकल रहा था.
मैंने भी कहा- आज तो कविता बस तुम मजा लो और मेरा साथ दो!
मैंने भी चूत में उंगली चालू कर दी और साथ साथ चूसने भी लगा.
वह अब सातवें आसमान पर थी. उससे अब रहा नही जा रहा था.
कुछ मिनट उसकी चूत चूसने और चाटने के बाद उसकी चूत का पानी निकल गया.