Short Teaser
चौपाल की ठंडी हवा में सब औरतें बातें कर रही थीं ,तभी राजीव ने मीरा के कान के पास आकर ऐसा शब्द कहा कि उसके गाल शर्म और वासना से लाल हो उठे।सबके सामने छिपकर छेड़छाड़ का खेल शुरू हो चुका था
Character Detail
राजीव (30, 5'6", athletic body):शादीशुदा ज़िन्दगी से bore,लेकिन उसकी आँखों में हमेशा सेक्स और छेड़छाड़ का शरारती खेल रहता।उसको मज़ा आता था मीरा को public में हल्का – हल्का humiliate करने में।मीरा (28, slim, curves, mischievous):उसके स्तन कसकर ब्लाउज में भरे रहते ,आँखों में नटखट चमक।अंदर से thrill पसंद करती थी ,खासकर जब राजीव सबके सामने उसे छूने का risk ले।पप्पू (25,पड़ोसी ):भोला – सा चेहरा ,लेकिन मीरा की कमर और चूचियों पर उसकी चोरी – छुपे टिकी नज़रें सब बयान कर देती थीं।
Plot / Setting
गाँव की चौपाल पर शाम का वक़्त था।औरतें मिट्टी के चूल्हे के पास बैठी हँसी – मज़ाक कर रही थीं।राजीव अपने दोस्तों के साथ पास ही चारपाई पर टिककर बैठा था।मीरा कभी पानी भरने जाती ,कभी लकड़ी उठाती – और हर बार राजीव की नज़रें उसके चुतड़ों के हिलते कर्व्स पर जम जातीं।हवा में ताज़ी घास की महक थी ,लेकिन बीच – बीच में वासना की गर्माहट फैलने लगी थी।
Story
राजीव ने मीरा को पास बुलाया – " ओ मीरा ,जरा यहाँ आ तो।" मीरा आई तो उसने धीरे से उसकी चुन्नी खींची और कान में फुसफुसाया – " आज तेरी चूची कुछ ज़्यादा ही तनी लग रही है सब देख रहे हैं।" मीरा ने आँखें तरेरीं ,लेकिन होंठों के कोने में हल्की मुस्कान दबा न पाई।" पागल हो गए हो ?चौपाल है ये।" राजीव ने हँसते हुए उसकी कमर दबा दी।मीरा का बदन हल्का – सा सिहर गया।उसका ब्लाउज कसकर स्तनों को उभार रहा था ,और राजीव की उंगलियाँ वहीं घूमती रहीं।
मीरा ने हाथ झटककर कहा – " छोड़ो भी कोई देख लेगा।" राजीव ने और दबाया – " बस इतना ही डर ह ै ?मुझे तो मज़ा आएगा जब तेरी कराहती साँसें सबको सुनाई दें।" मीरा का चेहरा शर्म से लाल ,लेकिन आँखों में वही छुपी नटखट वासना थी।
पप्पू पास बैठा ये सब देख रहा था।उसकी नज़रें बार – बार मीरा की कमर और कसते ब्लाउज पर टिक जातीं।राजीव को उसकी निगाहें दिखीं ,तो उसने और भी छेड़ने की ठानी।वो ज़रा ऊँची आवाज़ में बोला – " मीरा ,जरा मेरे कंधे दबा दे ,बहुत दर्द हो रहा है।" मीरा मजबूरी में पीछे से उसके कंधे दबाने लगी।दबाते – दबाते उसका शरीर राजीव की पीठ से सट गया।राजीव ने हल्का – सा पीछे हाथ ले जाकर उसकी जाँघ दबा दी।मीरा की साँसें तेज़ हो गईं।उसने दबी आवाज़ में कहा – " राजीव ,प्लीज़ सब देखेंगे।" राजीव मुस्कराया – " यही तो मज़ा है ,मीरा।सबके सामने तेरा नखरा ,तेरी कराह।"
पप्पू ने चुपके से देखा कि राजीव का हाथ नीचे सरककर मीरा के चुतड़ों को हल्का – सा दबा गया।मीरा काँप गई ,उसकी उँगलियाँ राजीव के कंधे से खिसककर उसकी छाती पर टिक गईं।उसकी आँखों में शर्म और खुलती वासना का मिला – जुला रंग था।
राजीव ने फिर धीरे से उसकी उंगलियाँ पकड़कर अपने होंठों तक ले आया ,चूमते हुए बोला – " तेरे निप्पल अभी तक भीग गए होंगे ,मीरा।" मीरा का चेहरा झुक गया ,लेकिन उसकी टाँगें हल्की – सी काँपने लगीं।पप्पू के दिल की धड़कनें तेज़ – उसने पहली बार इतने पास से किसी शादीशुदा औरत की आँखों में इतनी गर्मी और लालसा देखी।
राजीव अचानक ज़ोर से हँसा और बोला – " चल ,जरा पीछे वाले पेड़ के पास चल तुझे कुछ नया दिखाना है।" मीरा हड़बड़ाई – " अभी ?सब यहीं हैं।" राजीव ने उसकी कलाई कसकर पकड़ी – " बस चल।" मीरा ने नज़रों से पप्पू की तरफ़ झाँका – और वो पल ऐसा था कि उसकी आँखों में गुप्त निमंत्रण – सा चमका।
Twist / Emotional
मीरा अंदर से डर और वासना के बीच झूल रही थी।राजीव का कसता हाथ उसकी नसों में गर्मी भर रहा था ,जबकि पप्पू की चोरी – छुपे निगाहें उसके दिल की धड़कनें और तेज़ कर रही थीं।अब वो सोच भी नहीं पा रही थी – ये छेड़छाड़ उसका राज़ रहेगा या धीरे – धीरे किसी और के सामने खुल जाएगा
राजीव ने मीरा की कलाई कसकर पकड़ी और चौपाल से पीछे वाले आम के पेड़ की ओर खींच ले गया।शाम की धुंधली रोशनी में दोनों का शरीर परछाई बनकर हिल रहा था।मीरा आधी झिझक ,आधी लालसा में थी।उसके होंठों पर हल्की कराह सी निकल पड़ी , " राजीव धीरे चलो कोई देख लेगा।"
राजीव हँसते हुए बोला , " यही तो मज़ा है मीरा अगर देख लिया तो तेरा चेहरा और भी ज़्यादा लाल होगा।और तेरा यही शरमाना मुझे पागल करता है।"
पेड़ के पीछे पहुँचते ही उसने मीरा को ज़ोर से खींचकर अपने सीने से चिपका लिया।उसके स्तन कसकर राजीव के सीने से दब गए।मीरा ने होंठ काटे ,लेकिन राजीव ने बिना वक्त गँवाए उसकी गर्दन पर चूमें बरसाने शुरू कर दिए।
" आह " मीरा हल्की सी कराह उठी।उसकी उंगलियाँ खुद – ब – खुद राजीव के बालों में फँस गईं।राजीव ने उसके ब्लाउज के अंदर हाथ डालते हुए फुसफुसाया , " तेरे निप्पल तो ऐसे तने हैं जैसे अभी फटकर बाहर निकल आएंगे।"
मीरा ने शर्म से आँखें बंद कर लीं , " पागल यहाँ नहीं " राजीव ने और दबाया , " यहाँ ही इस चूत की गर्माहट अब और छुप नहीं सकती।"
उसने ब्लाउज के हुक पर उंगलियाँ फिराईं और झटके से खोल दिया।मीरा की साँस अटक गई।उसके गोल स्तन हवा में आज़ाद होते ही राजीव के मुँह ने उन्हें दबोच लिया।निप्पल होंठों के बीच कसकर दबा ,जीभ की नोक से चूसा जाने लगा।
" हम्म आह राजीव " मीरा की कराहें अब पेड़ की पत्तियों में गूँजने लगीं।राजीव बोला , " देख ,तेरा बदन कैसे काँप रहा है तेरी चूत अभी भीग चुकी है मीरा।"
मीरा ने खुद को थोड़ा सँभालते हुए उसकी शर्ट पकड़कर कहा , " तू मुझे पागल कर देगा बस रुक जा ,अभी " राजीव हँसा , " रुकना मुझे आता ही नहीं।"
उसने अपना हाथ नीचे सरकाया और मीरा की साड़ी के अंदर घुसा दिया।उसकी हथेली सीधी उसके चूत के गीलेपन पर जा टिकी।मीरा की टाँगें काँप गईं ,उसने कसकर राजीव की बाँह पकड़ी।" ओह्ह मत करो यहाँ आह्ह "
राजीव की उंगलियाँ मीरा की चूत पर हल्के – हल्के घूमने लगीं।उसकी साँसें तेज़ हो गईं।आँखें बंद ,होंठ खुले ,और चेहरे पर ऐसी कशिश थी कि कोई भी उसे देखता तो पागल हो जाता।
उसी वक़्त थोड़ी दूर पप्पू छुपकर यह सब देख रहा था।उसका दिल धड़क रहा था और आँखें मीरा के हर अंग पर जमी थीं।वो सोच भी नहीं पा रहा था कि उसने पहली बार इतनी पास से किसी औरत की चूत को किसी मर्द के हाथों में इतना गीला होते देखा।
राजीव ने अचानक मीरा की ठुड्डी पकड़कर उसे ज़बरदस्ती चूमा।होंठों का खेल तेज़ हो गया।जीभें एक – दूसरे में उलझ गईं।मीरा अब पूरी तरह वासना में बह गई थी।उसकी कराहों में पागलपन घुल चुका था – " आह राजीव और दबाओ मेरे निप्पल कस दो।"
राजीव ने दोनों चूचियों को कसकर दबाया ,फिर हल्के से काटा।मीरा का बदन बिजली की तरह काँप गया।राजीव ने फुसफुसाकर कहा , " मीरा ,आज मैं तुझे सबके सामने रानी बना दूँगा बस देखती जा।"
मीरा हड़बड़ा ई ," क्या मतलब ?सबके सामने ?" राजीव की आँखों में नशा था – " अभी नहीं बताता बस तेरी चूत को इतना गीला कर दूँगा कि तू खुद सबके सामने चीख उठेगी।"
मीरा के दिल में एक साथ डर और गुप्त वासना का सैलाब उमड़ आया।उसका शरीर राजीव की बाहों में थरथरा रहा था।और पीछे खड़ा पप्पू ,उसकी चोरी – छुपी साँसें तेज़ होती जा रही थीं
राजीव की उंगलियाँ अभी भी मीरा की भीगी चूत पर खेल रही थीं कि उसने अचानक उसका हाथ कसकर पकड़ा और कान में गरम साँस छोड़ते हुए बोला , " चल मीरा अब तुझे असली मज़ा चौपाल पर ही मिलेगा।"
मीरा की आँखें फैल गई ं ," नहीं पागल हो गए हो ?वहाँ सब बैठे हैं।" राजीव ने उसकी गर्दन पर दाँत गड़ा दिए और बोला , " यही तो खेल है सबके सामने तेरा नखरा ,तेरे कराहते होंठ सब देखेंगे और तू और भी ज़्यादा गीली होगी।"
मीरा काँप उठी।उसके होंठों से दबा हुआ " आह्ह " निकल पड़ा।लेकिन राजीव का दबदबा ऐसा था कि वो चाहकर भी रुक नहीं पाई।
राजीव ने उसका आँचल कसकर खींचा और चौपाल की तरफ ले चला।मीरा आधी शर्म ,आधी वासना में डूबी पीछे – पीछे खिंचती चली जा रही थी।
चौपाल पर अभी भी औरतें और दो – तीन मर्द बैठे थे।पप्पू पास की खाट पर था और उसकी निगाहें सीधी मीरा के उभरे हुए स्तनों पर टिक गईं।राजीव ने मीरा को वहीं बिठा दिया और ज़रा ऊँची आवाज़ में बोला , " अरे मीरा ,जरा मेरे पैरों की मालिश कर दे ,दिनभर खेत में काम करके दर्द हो रहा है।"
मीरा का चेहरा शर्म से जलने लगा।उसने धीमे से कहा , " राजीव छोड़ो भी " राजीव ने आँखों में शरारती चमक भरकर कहा , " कर न सबके सामने तेरा नखरा देखना चाहता हूँ।"
मीरा काँपते हाथों से उसके पैरों को छूने लगी।उसकी पतली उंगलियाँ जब राजीव की जाँघ तक पहुँचीं ,तो राजीव ने जान – बूझकर आवाज़ में कहा , " ज़रा और ऊपर दबा वहाँ बहुत खिंचाव हो रहा है।"
औरतों ने हल्की हँसी में सोचा कि शायद राजीव मज़ाक कर रहा है।लेकिन पप्पू की नज़रें साफ देख रही थीं कि मीरा की उंगलियाँ धीरे – धीरे राजीव के लंड के उभार तक पहुँच रही थीं।
मीरा का बदन काँप रहा था ,लेकिन उसके अंदर की छुपी वासना और राजीव के दबाव ने उसे रुकने नहीं दिया।उसने धीरे से अपनी हथेली राजीव की जाँघों के बीच फेरी।राजीव की साँस भारी हो गई।
राजीव ने हल्की कराह के साथ कहा , " वाह तेरे हाथों का जादू तो कमाल है मीरा ज़रा और कसकर दबा।"
मीरा की आँखें झुकी थीं ,चेहरा लाल था ,और होंठ दाँतों में दबे हुए थे।उसकी छातियाँ तेजी से उठ – गिर रही थीं ,ब्लाउज से बाहर निकलने को बेताब।
पप्पू की आँखें फटी की फटी रह गईं।उसने पहली बार किसी औरत को खुलेआम इस तरह छेड़छाड़ में झुकते देखा।उसका खुद का लंड भी खड़ा हो चुका था ,धोती के नीचे तड़प रहा था।
राजीव ने अचानक मीरा के बालों में हाथ डालकर उसका चेहरा अपनी गोद की तरफ खींचा और धीमे से कहा , " अब ज़रा मेरे लंड को भी दबा दे ,वरना फट जाऊँगा।"
मीरा चौंक गई।उसके गाल शर्म से जल उठे।उसने दबी आवाज़ में कहा , " राजीव सब देख लेंगे प्लीज़ " राजीव हँसा , " यही तो चाहिए मुझे सबके सामने तेरा नखरा।देख ,तुझे कितना मज़ा आएगा।"
उसने ज़बरदस्ती मीरा का हाथ अपनी गोद पर रख दिया।मीरा की उँगलियाँ जैसे ही राजीव के कसते लंड पर पहुँचीं ,उसकी देह काँप उठी।" आह्ह " मीरा के होंठों से कराह निकल गई।
राजीव ने धीरे से फुसफुसाय ा ," अब तो तेरी चूत भी और गीली हो गई होगी ,है ना ?" मीरा ने आँखें बंद कर लीं ,लेकिन उसके चेहरे पर वो छुपी हुई वासना साफ चमक रही थी।
पप्पू की धड़कनें तेज़ हो गईं।उसने अपने होंठ काट लिए।उसकी नज़रें अब मीरा के हर अंग को निगल रही थीं।
राजीव ने मीरा का हाथ और कसकर अपनी गोद में दबाया और ऊँची आवाज़ में बोला , " वाह मीरा ,तेरे नर्म हाथों की मालिश तो गज़ब है।"
औरतें हँस पड़ीं ,लेकिन मीरा का बदन अंदर से तप रहा था।उसकी चूची कसकर तनी हुई थी ,निप्पल ब्लाउज के अंदर से चुभ रहे थे।उसकी साँसें इस कदर भारी थीं कि पप्पू तक सुन सकता था।
राजीव ने उसकी आँखों में झाँकते हुए धीरे से कहा , " बस थोड़ी देर और फिर तुझे वो करवाऊँगा जो तूने सपने में भी नहीं सोचा होगा।"
मीरा की आँखें डर और लालसा के बीच झूल गईं।उसका दिल जोरों से धड़क रहा था।कहीं न कहीं वो चाह भी रही थी कि ये खेल और आगे बढ़े।
राजीव की आँखों में वही शरारती चमक थी।उसने मीरा का हाथ अपनी गोद से हटाया और धीरे से उसके होंठों के पास झुककर फुसफुसाया , " अब तुझे और बड़ा खेल खेलना है सबके सामने।"
मीरा की साँसें अटक गईं।उसके गाल तप रहे थे ,निप्पल इतने तन चुके थे कि ब्लाउज के कपड़े से साफ़ दिख रहे थे।उसने काँपती आवाज़ में कहा , " राजीव अब बस करो मेरा दिल तेज़ धड़क रहा है।" राजीव ने उसकी ठुड्डी पकड़कर कहा , " यही तो चाहिए मीरा डर और वासना का यही मिलाजुला नशा।"
फिर उसने सबके सामने ज़रा ऊँची आवाज़ में कहा , " ओ मीरा ,ज़रा मेरे पसीने से तर सीने को पोंछ दे।" मीरा सकपका गई।वहाँ बैठे लोग हँसकर बोले , " अरे राजीव ,बीवी से नौकरानी वाला काम मत करवा।" राजीव ने मुस्कुराकर जवाब दिया , " नौकरानी नहीं रानी है मेरी।बस आज उसका स्पर्श चाहिए।"
मीरा शर्म से गढ़ गई ,लेकिन राजीव का दबाव ऐसा था कि उसने आँचल उठाकर उसके सीने पर रख दिया।जैसे ही उसका नरम कपड़ा राजीव की गर्म छाती से छुआ ,उसकी उँगलियाँ अपने आप सरककर राजीव के स्तनों के बालों में फँस गईं।राजीव ने मीरा की पकड़ कसते ही कराह निकाली , " आह्ह और दबा मेरी रगों में आग भर दे।"
पप्पू की आँखें चौड़ी हो गईं।उसके लिए यह नज़ारा किसी गुप्त स्वप्न से कम न था।मीरा का चेहरा लाल ,होंठ काँपते ,और राजीव के मर्दाने बदन पर उसका स्पर्श पप्पू का लंड धोती के अंदर ऐंठ रहा था।
राजीव ने अचानक मीरा का हाथ पकड़कर सबके सामने अपनी शर्ट के बटन खोल दिए।" चल मीरा ,जरा मेरे सीने की मालिश कर।" मीरा ने हल्की सी ना की ,लेकिन राजीव ने ज़बरदस्ती उसका हाथ अपने सीने पर रख दिया।मीरा की हथेली राजीव की तनी हुई छाती और निप्पल पर घूम गई।राजीव ने ज़ोर से कराहकर कहा , " तेरी नर्म हथेली से तो मेरा निप्पल सख़्त हो गया आह्ह।"
मीरा काँप उठी।उसने नज़रें झुका लीं ,लेकिन उसके हाथ हट नहीं पाए।उसका अपना ब्लाउज अब इतना कस चुका था कि उसके स्तन और निप्पल साफ़ उभरे नज़र आ रहे थे।
राजीव ने हल्का – सा मीरा के कान में दाँत गड़ाते हुए कहा , " देख मीरा ,तेरे नखरे ने पप्पू को भी पागल कर दिया है।" मीरा हड़बड़ाकर पप्पू की तरफ देखने लगी।पप्पू ने नज़रें झुका लीं ,लेकिन उसकी साँसें तेज़ थीं और धोती के नीचे का उभार छुप नहीं पाया।
मीरा का दिल जोर से धड़क उठा।उसे लगा जैसे उसकी चोरी पकड़ी गई हो।उसके भीतर अजीब – सा डर और उत्तेजना उमड़ आई।राजीव हँसते हुए बोल ा ," अब समझ गई ?तुझे देखने वालों के दिलों में कैसी आग लगती है।यही खेल है मीरा सबके सामने तेरा जलना ,पिघलना।"
मीरा ने फुसफुसाकर कहा , " तू मुझे कहीं मुँह दिखाने लायक नहीं छोड़ेगा मैं तो जल रही हूँ राजीव।" राजीव ने उसकी कमर दबाते हुए जवाब दिया , " जलना ही तो असली वासना है ,और मुझे तेरा यही रूप चाहिए।"
राजीव ने अचानक उसकी साड़ी की पलीते को हल्का – सा खींचा।मीरा का बदन सिहर उठा।वो दबी आवाज़ में चीखी , " नहीं यहाँ नहीं सब देख रहे हैं।" राजीव ने कान में गर्म फुसफुसाहट भरी , " यही तो देखना है सबको और तू भी तो यही चाहती है मीरा ,है ना ?तेरी चूत अब इतना भीग चुकी है कि तू रुक नहीं सकती।"
मीरा की साँसें टूट रही थीं।उसकी आँखों में आँसू और वासना का मिला – जुला नशा था।उसने चेहरा झुका लिया ,लेकिन उसकी चुप्पी ही उसकी मंज़ूरी बन गई।
पप्पू का दिल जोर से धड़क रहा था।उसने सोचा – " अगर राजीव ने सच में सबके सामने ये खेल आगे बढ़ाया ,तो मीरा की हालत देखने लायक होगी।"
राजीव ने मीरा का हाथ कसकर पकड़ लिया और मुस्कुराकर कहा , " अब अगला क़दम ऐसा होगा कि तेरे बदन की हर नस जल उठेगी।"
राजीव ने मीरा का हाथ कसकर पकड़ा और धीरे – धीरे उसकी उँगलियाँ अपनी बेल्ट तक ले गया।मीरा बुरी तरह चौंक ी ,उसकी आँखें डरी हुईं ,होंठ काँपते हुए बोले ," राजीव पागल हो गया है क्या ?सब देख रहे हैं "
राजीव मुस्कुराया ,आ ँखों में पिघली हुई शैतानी ," यही तो मज़ा है मीरा तेरी शर्म और मेरा हुक्म।अब जो कहूँ ,वो करेगी।"
मीरा ने सिर झुका लिया ,लेकिन उसकी उँगलियाँ अब राजीव की बेल्ट के हुक से खेल रही थीं।आँखों के कोने से उसने देखा – पप्पू की साँसें तेज़ थीं ,उसका धोती का उभार और बड़ा हो चुका था।
राजीव ने और पास झुककर फुसफुसाय ा ," खोल दे मीरा देख कितनी आग भड़की है मेरे अंदर।आज तेरे हाथ से ही राहत मिलेगी ,सबके सामने।"
मीरा का दिल धड़कन तोड़ रहा था।उसके गाल लाल ,होंठ सूखे और निप्पल पत्थर की तरह खड़े।उसने काँपते हाथ से राजीव की बेल्ट का हुक खोल दिया।झन – झन की आवाज़ होते ही मीरा ने महसूस किया कि पूरा कमरा जैसे उनकी धड़कनों पर टिक गया है।
राजीव ने गहरी साँस छोड़ते हुए कराह ा ," आह्ह्ह बस यही चाहिए था।अब जरा और नीचे जा ,मीरा।"
मीरा काँपते हुए झुकी आँचल आधा सरक गया ,और उसके उभरे हुए स्तन का आधा हिस्सा राजीव की गोद से छू गया।पप्पू की आँखें वहीं जमी रह गईं ,उसकी धड़कनें जैसे कानों में गूँज रही थीं।
मीरा ने डर और वासना के मिलेजुले अहसास में राजीव की पैंट की जिप तक हाथ ले गए लेकिन तभी राजीव ने उसका हाथ रोककर कसकर दबाय ा ," नहीं अभी नहीं।खेल अधूरा रहेगा तो नशा दुगुना होगा।"
मीरा हाँफते हुए बोल ी ," राजीव तू मुझे कहीं डुबा देगा ये आग मैं अकेले नहीं झेल सकती।"
राजीव ने उसकी आँखों में गहराई से देखते हुए कह ा ," तो फिर पप्पू को भी इस खेल का हिस्सा बना दें ?"
मीरा की साँस थम गई।उसका चेहरा फक पड़ गया और नज़रें पप्पू पर जा अटकीं।पप्पू की आँखों में भूख और डर का अजीब मिश्रण था।
मीरा हकला ई ," राजीव तू पागल हो गया है !"
राजीव ने होंठ काटते हुए शैतानी मुस्कान द ी ," पागल नहीं भूखा हूँ।और तेरी हाँ या ना अब कुछ मायने नहीं रखती।"
मीरा की साँसें अटक गईं ,दिल मानो सीने से बाहर कूदने को तैयार।राजीव का हाथ उसकी कलाई पर कसता जा रहा था और पप्पू की नज़रें सीधे उसके आधे उघड़े स्तनों पर जमी हुई थीं।
राजीव ने धीमे मगर आदेश भरे लहजे में कहा – " चल मीरा अब खेल अगले लेवल पर ले चलते हैं।पप्पू पास आ।"
पप्पू काँपते कदमों से आगे बढ़ा ,उसकी धोती के अंदर का उभार साफ़ दिखाई दे रहा था।मीरा ने घबराकर एक कदम पीछे लिया ,आँचल से छुपाने की नाकाम कोशिश करते हुए बोली – " राजीव ये मत कर ये पागलपन है "
राजीव ने उसकी ठुड्डी पकड़कर ऊपर उठाई ,आँखों में कड़क नज़र डालते हुए फुसफुसाया – " तेरी यही कराहती शर्म मुझे और पागल बना रही है।अब तो तू पप्पू को भी छूकर देखेगी।"
मीरा की आँखों में आँसू और आग दोनों तैर गए।उसके होंठ काँपते हुए खुले ,मानो कुछ कहने जा रहे हों ,लेकिन उसी पल राजीव ने अचानक उसका हाथ पकड़कर पप्पू की जाँघ पर रख दिया।
पप्पू हाँफ उठा ,उसकी देह झटके से तन गई।मीरा सिहर उठी – उसकी उँगलियाँ पप्पू की जाँघ से फिसलकर सीधे धोती के उभार से टकरा गईं।" नहीं नहीं राजीव प्लीज़ " मीरा की आवाज़ टूटी हुई थी।
राजीव ने होंठ उसके कान से सटाकर कहा – " बस उँगलियाँ फिरा महसूस कर उसकी गर्मी और खिंचाव ।आज तुझे समझना होगा कि तेरी चूत की प्यास सिर्फ मेरे लंड से नहीं बुझने वाली।"
मीरा काँपते हुए धीरे – धीरे उँगलियाँ पप्पू के उभार पर सरकाने लगी।पप्पू की साँसें तेज़ ,होंठों से निकली कराह कमरे में गूँज उठी।
राजीव ने शैतानी हँसी के साथ मीरा का आँचल खींचकर पूरी तरह गिरा दिया।पप्पू की आँखें चौंधिया गईं – उसके सामने मीरा की गुलाबी चूचियाँ खड़ी थीं ,निप्पल कसे हुए जैसे किसी ने मरोड़ दिए हों।
राजीव ने पप्पू से कहा – " आगे बढ़ छू इन्हें देख मीरा कितनी नटखट और गर्म हो चुकी है।"
मीरा ने आँखें कसकर बंद कर लीं ,पर उसका शरीर पूरी तरह काँपती वासना में डूब चुका था।पप्पू का हाथ धीरे – धीरे आगे बढ़ा और उसकी उँगलियाँ मीरा के निप्पल को हल्के से छू गईं।
मीरा ने एक तीखी आह्ह्ह निकाल दी – वो आधा विरोध था ,आधा वासना।राजीव की आँखों में पिघली हुई जीत थी ,उसकी मुस्कान और चौड़ी हो गई।
मीरा की चीख जैसी कराह कमरे में तैर गई जब पप्पू की उँगलियाँ उसके निप्पल को दबाने लगीं।उसकी देह बुरी तरह काँप उठी ,आँखें अभी भी कसकर बंद थीं लेकिन होंठों से अनचाहे सिसकते सुर निकल रहे थे।
राजीव और भी पास झुक आय ा ,कान में गरम साँस छोड़ते हुए बोला – " देखा मीरा तेरी चूची पर जैसे ही किसी और की पकड़ आई ,तेरे पूरे जिस्म ने कैसे जवाब दिया ?यही तो है असली ह्यूमिलिएशन गेम ।"
मीरा हाँफते हुए बोली – " राजीव मैं तुझसे नफ़रत करने लगूँगी मत कर ये सब "
राजीव ने उसकी ठुड्डी दबाकर ऊपर उठाई ,आँखों में सख्ती और वासना दोनों टपकते हुए बोले – " नफ़रत कर ले लेकिन पहले अपनी गर्मी और गीलापन देख ले।"
उसने अचानक मीरा की साड़ी कमर से खींचकर आधी खोल दी।पप्पू की नज़र सीधे उसकी मखमली चूतड़ों पर जा टिकी।मीरा बुरी तरह सिहर उठी ,हाथों से ढकने की कोशिश की पर राजीव ने उसकी कलाइयाँ पकड़कर पीछे मोड़ दीं।
" अब पप्पू नीचे हाथ ले जा ," राजीव ने आदेश दिया।
पप्पू की साँस फट रही थी ,लेकिन उसके हाथ बेकाबू होकर मीरा की कमर से फिसलते हुए सीधे उसकी गांड की गोलाई तक पहुँच गए।जैसे ही उसकी उँगलियों ने मुलायम मांस को दबाया ,मीरा ने लंबी कराह भरी – " आह्ह्ह बस्स और नहीं "
राजीव ने हँसते हुए उसकी गर्दन पर काट लिया ,होंठों से चूमते हुए बोला – " ये तो बस शुरुआत है अभी तेरी चूत तक उसकी उँगलियाँ जाएँगी।"
मीरा की आँखें चौड़ी हो गईं।उसने पूरी ताकत लगाकर खुद को छुड़ाने की कोशिश की ,लेकिन दोनों तरफ से पकड़ी गई थी।पप्पू की उँगलियाँ अब धीरे – धीरे उसकी साड़ी के पल्लू को ऊपर खिसका रही थीं ,रास्ता साफ करते हुए।
मीरा हाँफती हुई बुदबुदाई – " राजीव तेरे सामने मैं ये सब कैसे ?"
राजीव ने ज़ोर से उसके होंठ चूसते हुए जवाब दिया – " यही तो खेल है ,मीरा सबकुछ मेरे सामने ताकि तेरा हर कराहना मेरे लंड को और सख्त करे।"
पप्पू की उँगलियाँ अब मीरा की जाँघों के बीच तक पहुँच चुकी थीं।हल्का – सा स्पर्श होते ही मीरा का पूरा शरीर झटका खा गया।उसकी साँसें अनियंत्रित ,सीने की उठान तेज़ और निप्पल और भी कड़े।
राजीव ने उसकी आँखों में झाँकते हुए धीमे से कहा – " अब सच बोल क्या तुझे ये पब्लिक छेड़छाड़ बुरी लग रही है या तेरी चूत और गीली हो चुकी है ?"
मीरा की आँखों से आँसू बह निकले – पर उसके काँपते होंठों से निकला सिर्फ़ एक टूटा हुआ शब्द – " हाँ "
मीरा का " हाँ " जैसे ही हवा में घुला ,पप्पू की उँगलियाँ और निडर हो गईं।अब वो उसकी भीगी जाँघों के बीच तक सरक चुकी थीं।हल्की सी सरसराहट के साथ उसकी साड़ी और पेटीकोट ऊपर खिसकते गए ,और मीरा की गरम देह का सबसे गुप्त हिस्सा धीरे – धीरे उजागर होने लगा।
राजीव की आँखों में भूख और जीत का नशा चमक रहा था।उसने पप्पू को इशारा किया – " अब महसूस कर उसकी चूत की गर्माहट वहीं असली खेल है।"
पप्पू ने काँपते हाथ से मीरा की भीगी दरार को छुआ।जैसे ही उसकी उँगली फिसली ,मीरा की देह बिजली की तरह झटकी और होंठों से जोरदार कराह निकली – " आह्ह्ह राजीव बस्स्स प्लीज़ "
पर उसकी ये कराह पूरी तरह वासना से भरी थी।राजीव ने उसके कान में जीभ फेरते हुए कहा – " तेरी चूत अब मेरे सामने किसी और की उँगली से भीग रही है और तू कहती है रोक दू ँ ?सच बोल मीरा ,तुझे ये ह्यूमिलिएशन सेक्स पागल नहीं बना रहा ?"
मीरा ने आँखें कसकर बंद कर लीं ,मगर पप्पू की उँगली अब उसकी गीली सिलवटों में और गहराई तक उतर चुकी थी।उसकी साँसें टूट रही थीं ,निप्पल पत्थर जैसे खिंचे हुए और पूरे शरीर में अनचाहा सुख दौड़ रहा था।
पप्पू बमुश्किल बुदबुदाया – " भाभी कितनी गरम है आपकी चूत मैंने तो सपने में भी नहीं सोचा था "
मीरा ने चौंककर उसे देखा ,होंठ काँपते हुए बोले – " चुप रह पप्पू तुझे समझ नहीं ये सब "
राजीव ने बीच में ही उसकी बात काट दी – " बोलने दे उसे ,मीरा।आज तेरी चूत पर सिर्फ मेरी नहीं ,किसी और की ज़ुबान भी तारीफ़ करेगी।"
राजीव ने अचानक मीरा की साड़ी पूरी तरह खींचकर नीचे गिरा दी।उसके चूतड़ों और भीगे पैंटी अब सबके सामने थे।पप्पू ने काँपते हाथों से पैंटी के ऊपर से दबाव डाला।जैसे ही उसका अंगूठा मीरा की भीगी गांड की दरार पर सरका ,मीरा ज़ोर से सिसकी और उसकी कमर अपने आप पप्पू की तरफ झुक गई।
राजीव ने हँसते हुए उसकी कमर पकड़ी और बोला – " देख मीरा तेरे शरीर का सच तेरी जुबान से तेज़ बोल रहा है।तू रोक नहीं पा रही तेरी चूत अब खुद किसी और को बुला रही है।"
मीरा हाँफते हुए ,कराहते हुए बुदबुदाई – " राजीव तू मुझे कहीं और धकेल देगा मैं टूट जाऊँगी "
राजीव ने उसकी चूची कसकर मरोड़ते हुए कहा – " टूटेगी नहीं और गीली होगी।"
पप्पू अब उसकी पैंटी के किनारे तक उँगली सरकाने ही वाला था
पप्पू की उँगली अब धीरे – धीरे मीरा की भीगी चूत के अंदर सरक रही थी।मीरा की देह झटके से काँप उठी।उसके होंठों से एक लंबी ,कराहती आवाज़ फूटी – " आह्ह्ह राजीव नहीं प्लीज़ "
राजीव ने उसकी कमर कसकर पकड़ी और कान में फुसफुसाया – " बस अभी तो शुरुआत है तेरी चूत की गर्माहट अभी सबके सामने खुलने वाली है।"
मीरा ने आँखें बंद कर लीं ,चेहरा लाल ,निप्पल पत्थर जैसे खड़े ,और चूची कसकर तनी हुई ।उसके भीतर डर और वासना का अजीब मिश्रण दौड़ रहा था।
पप्पू की उँगली अब अंदर तक पहुँच चुकी थी।मीरा ने अपने होंठों से दबी आवाज़ में कहा – " आह्ह्ह इतनी भीगी मैं मैं अब " लेकिन शब्द बीच में ही रुक गए।उसकी देह ने खुद ही राजीव और पप्पू की पकड़ को स्वीकार कर लिया था।
राजीव ने धीमे मगर दबाव भरे स्वर में कहा – " तू देख रही है मीरा ,तेरी चूत अब गर्माहट और कसाव से भर रही है।यही असली पब्लिक सेक्स का मज़ा है।"
मीरा की साँसें फट रही थीं।उसके शरीर की हर नस कसकर तनी और झुक रही थी।पप्पू की उँगलियाँ उसकी भीगी चूत में हल्की – हल्की घुमाव डाल रही थीं।
मीरा ने हाथों से अपना चेहरा ढक लिया ,होंठों के बीच कराहती आवाज़ – " आह्ह्ह राजीव मैं मैं पागल हो जाऊँगी "
राजीव ने उसकी नज़रों में झाँकते हुए फुसफुसाया – " पागल होना ठीक है लेकिन यह सब केवल तेरे लिए ,और सबके सामने ।"
मीरा का शरीर झुक रहा था ,उसकी चूत पसीने और पसीले स्पर्श से और भी गीली हो गई।उसकी उँगलियाँ अब पप्पू के हाथों को रोक नहीं पा रही थीं।
पप्पू की साँसें तेज़ ,होंठ कस चुके और धोती के नीचे उसका अंग झटक रहा था।उसने धीरे – धीरे मीरा की चूत को अपनी उँगली से दबाया ,और मीरा ने जोर से कराह कर कहा – " आह्ह्ह प्लीज़ और नहीं हाँ आह्ह्ह "
राजीव ने मीरा की चूची को कसकर दबाया और कहा – " बस अब तू खुद महसूस कर कि तेरा शरीर मेरे और किसी के हाथों में कैसे गर्म और नियंत्रित हो रहा है।"
मीरा की आँखें भीगी ,होंठ काँप रहे थे ,और पूरे शरीर में गर्माहट और खिंचाव दौड़ रहा था।
राजीव ने पप्पू को इशारा किया – " थोड़ा और गहराई में मीरा की चूत को और हिलाओ।"
मीरा ने खुद को रोकने की कोशिश की ,लेकिन अब उसकी देह पूरी तरह वासना में फंस चुकी थी।उसका चेहरा लाल ,निप्पल कसे ,और चूत गीली – गीली कराह में डूबी।
मीरा का शरीर पूरी तरह वासना और गर्माहट से काँप रहा था।पप्पू की उँगलियाँ उसकी भीगी चूत के अंदर धीरे – धीरे सरक रही थीं ,हर हल्की हरकत पर मीरा के होंठों से कराह और आह्ह निकल रही थी।राजीव ने उसकी कमर कसकर पकड़ ली और कान में गरम फुसफुसाहट की – " बस मीरा अब सब कुछ खुलकर आएगा तेरी चूत ,तेरे स्तन ,तेरी भीगी चूची सब मेरे और पप्पू के हाथों में।"
मीरा ने खुद को झकझोरते हुए कहा – " आह्ह्ह राजीव मैं अब नहीं रोक सकती "
राजीव ने उसकी साड़ी और पेटीकोट पूरी तरह खींचकर नीचे गिरा दी।मीरा की गोल और भीगी चूत अब पूरी तरह सामने थी।उसके स्तन हवा में आज़ाद ,निप्पल कसकर खड़े और चूची गीली और लाल ।
पप्पू की आँखें चौड़ी ,साँसें तेज़।उसने धीरे – धीरे दोनों उँगलियाँ मीरा की चूत में गहराई तक घुसाई।मीरा ने जोर से कराह कर कहा – " आह्ह्ह प्लीज़ और और "
राजीव ने उसके स्तनों को अपनी बाहों में कसकर दबाया और होंठों से चूसना शुरू किया।मीरा के निप्पल उसकी जीभ के बीच कसकर दब रहे थे।उसकी कराहें और भी गहरी ,वासना – भरी और कराहती ,पूरे चौपाल में गूँज रही थीं।
मीरा का शरीर अब खुद – ब – खुद हर झटका और दबाव स्वीकार कर रहा था।पप्पू की उँगलियाँ उसकी चूत में घुमाव बना रही थीं ,राजीव के हाथ उसके स्तनों और कमर पर कसाव और मालिश कर रहे थे।
" आह्ह्ह हाँ और हाँ " मीरा के होंठों से अब केवल सिसकती हुई वासना की आवाज़ निकल रही थी।राजीव ने उसकी गर्दन पर जीभ फेरते हुए कहा – " तू देख रही है तेरी चूत और स्तन कैसे मेरे और पप्पू के हाथों में जबरदस्त नटखट खेल कर रहे हैं ?"
मीरा ने आँखें बंद कर लीं ,चेहरा लाल ,निप्पल कठोर ,चूत भीगी और कराहती ,पूरी तरह खुल्लमखुल्ला हो चुकी थी।राजीव ने अचानक पप्पू की उँगली तेज़ कर दी।मीरा ने धड़की ,पूरा शरीर झटका खा गया।उसके होंठों से निकल गया – " आह्ह्ह अब अब बहुत हो गया बस्स्स "
लेकिन उसके शब्दों का मतलब उसके शरीर से मेल नहीं खा रहा था।उसका चेहरा ,स्तन ,चूत ,और चूची पूरी तरह गर्माहट और खिंचाव में डूब चुके थे।
राजीव ने उसकी कमर और बाँहों को कसकर पकड़ा और उसकी पीठ से झुककर उसके कान में फुसफुसाया – " बस मीरा अब तू अपने आप को छोड़ दे ,और हर कराह और चूत की हर गर्माहट महसूस कर।"
मीरा की साँसें भारी ,होंठ काँपते ,निप्पल और चूत कसकर तने।पप्पू की उँगलियाँ उसकी चूत में घुमाव बनाती रहीं।राजीव ने उसकी चूची पर हल्का दबाव डाला ,जिससे मीरा की गर्माहट और गहराई बढ़ गई।
और अचानक मीरा ने पूरी ताकत से वासना का विस्फोट महसूस किया।उसका शरीर झटका – झटका कर काँपने लगा ,होंठों से लगातार कराहें और आह्ह निकल रही थीं।पप्पू की उँगलियाँ उसकी चूत में लगातार घिसट रही थीं ,और राजीव के हाथ स्तनों और कमर पर गहरी मालिश और दबाव दे रहे थे।
मीरा की चूत और स्तन अब गर्माहट और रस से लथपथ ,पूरी तरह खिंचाव में डूब चुके थे।उसकी कराहें और चिल्लाहट ने पूरे चौपाल में ह्यूमिलिएशन और वासना का माहौल भर दिया।
राजीव ने हल्का हँसकर उसकी कमर को कसकर पकड़ा और बोला – " देखा मीरा तेरी चूत ,चूची ,स्तन सबके सामने कितनी नटखट और भीगी हो गई।यही असली मज़ा है।"
मीरा अब थक गई थी ,लेकिन उसके होंठों पर हल्की मुस्कान ,आँखों में गहरी संतुष्टि और शरीर पर भीगी गर्माहट अभी भी थी।पप्पू भी अब पूरी तरह उत्तेजित और थक चुका था ,लेकिन उसकी आँखें मीरा की गरम देह पर जमी थीं।
राजीव ने धीमे स्वर में कहा – " बस अब मीरा तू जान गई असली खेल क्या होता है पब्लिक और भीगन वाली गर्माहट।"
मीरा ने हल्की साँस ली ,होंठों से धीमे से फुसफुसाया – " हाँ अब मैं अब मैं समझ गई "
और इस तरह ,मीरा का पब्लिक humiliation game अपने चरम पर पहुँच गया ,जहाँ उसके शरीर ने पूरी तरह वासना और गर्माहट का आनंद लिया ,पप्पू और राजीव के हाथों में जबरदस्त नटखट खेल खत्म हुआ।