नीलिमा की भतीजी की चटपटी चूत

पड़ोसन के परदे के पीछे: भाग 4

(Teen tease meets full-grown lust)


📦 Unexpected Entry

एक रविवार की सुबह आरव बालकनी में बैठा newspaper पढ़ रहा था, तभी ऊपर से आवाज़ आई:

“Excuse me, पानी का मोटर कब ऑन करते हो?”

आवाज़ सुनते ही उसने सिर उठाया —
नीलिमा नहीं थी…
बल्कि एक young, स्लिम मगर सेक्सी लड़की ऊपर से झाँक रही थी — बाल खुले, हल्की गुलाबी टीशर्ट, और बिना ब्रा के।

उसके बोब छोटे मगर टीले जैसे तने हुए थे, और आरव की नज़र वहीं अटक गई।

“Hi… I’m काव्या… नीलिमा आंटी की भतीजी हूँ… दो हफ्ते रुकने आई हूँ।”


🏃‍♀️ पहली मुलाक़ात

कुछ देर बाद दरवाज़ा बजा।

काव्या हाथ में बर्तन लेकर खड़ी थी —
बिना पैंटी वाली हॉट सी शॉर्ट्स में, और एक टाइट स्पोर्ट्स ब्रा पहने।

“आंटी ने कहा था नमक ले लो, पर मैं सोच रही थी… थोड़ा मसाला भी मिल जाए तो?”

आरव के गले से आवाज़ नहीं निकली।
लड़की की जवानी, चमकती जांघें और मुस्कराहट ने उसके लंड को सीधा खड़ा कर दिया।

काव्या अंदर आई, और सीधे रसोई में चली गई —
उसके शॉर्ट्स की गांड का उभार किसी पोर्न मूवी जैसा था।


🍑 “आपकी बीवी मायके गई है ना?”

काव्या ने हल्की हँसी में पूछा —

“सुना है, आपकी बीवी मायके गई है… तो आप घर में अकेले बोर नहीं होते?”

आरव: “थोड़ा बहुत… मगर अब लगता है बोरियत कम होने वाली है।”

“अच्छा… तो आपको company पसंद है?”

उसने स्पोर्ट्स ब्रा हल्का ऊपर किया — और हल्की चूचियों का बेस झलकने लगा।

आरव ने जवाब में हल्के से पूछा —

“तुम्हारी उम्र क्या है?”

“19… मगर काम में 25 से ऊपर हूँ…”


🛋️ किचन से कंबल तक

काव्या अब सोफे पर बैठ गई थी, पैर मोड़ कर —
और उसका चूत वाला हिस्सा सीधा आरव की नज़र के सामने था।

“आप बहुत घूरते हैं…”

“देखना ही है तो पास आ जाइए… चाटना मना नहीं है…”

आरव अब कंट्रोल में नहीं था।

उसने पास जाकर धीरे से उसका शॉर्ट्स हटाया —
चूत छोटी मगर मुलायम और एकदम गीली थी।

“ओह्ह… ओह्ह… हाँ… वहीं… हाँ… आप तो प्रो हो यार…”


💋 चूसना और चढ़ाई

अब काव्या लेट गई थी — उसने खुद अपने बोब बाहर निकाल दिए।
छोटे मगर तने हुए — और निप्पल एकदम कड़क।

आरव ने एक चूचा मुँह में लिया, और दूसरा हाथ उसकी चूत पर रगड़ने लगा।

काव्या अब कराह रही थी —

“अबे डाल दे बे… गाड़ इस छोटी चूत में लंड घुसेड़… फाड़ दे आज…”

आरव ने एक झटके में अपना लंड चूत के दरवाज़े पर रखा… और धीरे से अंदर घुसा दिया।

काव्या ने ज़ोर से चिल्ला दिया —

“मम्मी रे… पहली बार कोई मर्द अंदर गया बे… गाड़ बे पूरा… बूर में आग लगा दे…”


🌪️ झटके और जूनून

आरव अब ठोक रहा था — पूरा कमरा चप-चप की आवाज़ों से भर गया।

काव्या की टाँगें काँप रही थीं, और चूत से रस बह रहा था।

“तेरे जैसी ठोकाई किसी bf ने नहीं की बे… तू तो मर्द नहीं, लंड का देवता है…”

“हर सुबह तेरे से ही उठना है मुझे… तेरे लंड की अलार्म चाहिए…”


💦 Finish

आरव ने ज़ोर का आखिरी झटका मारा —
लंड गहराई तक गया, और एक साथ दोनों फूट पड़े।

काव्या थकी हुई, मगर मुस्कराती हुई बोली:

“अब मुझे आंटी से ज़्यादा तुझसे लगाव हो गया है बे…”

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