भूख की आग

मेरा देवर, मेरी चूत का राजाPart 1

(भाभी और देवर की आग जैसी चुदाईपहली बार की सच्ची कहानी)


🧑 पात्र:

  • सुमन भाभी (35 वर्ष) – भरापूरा जिस्म, भारी चूचियाँ, चूड़ीदार गांड, रसीली काली चूत, और दिन-रात चोदाई की भूखी।
  • रोहित (22 वर्ष) – देवर, हॉस्टल से लौटा जवान छोरा, 7 इंच का मोटा लंड, जिसे असली चूत का स्वाद चाहिए।

📍 स्थान:

कानपुर की एक कॉलोनी का घर। दोपहर का समय। पति ऑफिस में। घर में बस भाभी और देवर।


📝 कहानी:

सुमन भाभी ने आईने के सामने खड़े होकर अपना ब्लाउज़ तो पहना, लेकिन नीचे ना चड्डी, ना ब्रा – सिर्फ एक हल्की, टाइट साड़ी, जो उसके नाभि और गांड को पूरा दिखा रही थी।

वो छत पर कपड़े सुखा रही थी, और रोहित नीचे सोफे पर पड़ा था। जैसे ही उसकी नज़र भाभी की भीगी साड़ी पर पड़ी, उसके लंड में खिंचाव आ गया।

भाभी, इतनी भीगी होठंड नहीं लग रही?” – रोहित ने जानबूझकर पूछा।

भाभी मुस्कुराई, आँखों में शरारत – तू तो है ना गरम करने को…”

वो नीचे आई, और जानबूझकर झुक-झुककर चीजें उठाने लगी। उसकी गांड की झलक रोहित को साफ़ दिख रही थी।

भाभीसच में कुछ भी नहीं पहना?”

भाभी पास आई और कान में फुसफुसाई –
जब लंड देखने वाला घर में है, तो कपड़ों की क्या ज़रूरत?”

रोहित से रहा नहीं गया। उसने भाभी की कमर पकड़ ली। भाभी सिहर गई।

तेरा लंड अब बड़ा हो गया हैचखना है मुझे!”

भाभी ने उसकी पैंट नीचे की, और जैसे ही उसका 7 इंच का लंड निकला – वो लपक कर चूसने लगी।

आहभाभीक्या चूस रही हो यार…”

उसकी जीभ लंड की नली पर घूम रही थी, और हाथ से बेस पकड़कर झटके दे रही थी। आवाज़ें निकल रहीं थीं — चप चप चपग्लप ग्लप

अब चूत दे ना भाभी…” – रोहित ने गुज़ारिश की।

भाभी ने साड़ी खोल दी, और उसकी काली, गीली चूत सामने आ गई — बालों से भरी, रस से चमकती हुई।

घुसा दे बेटाआज तेरी भाभी की चूत तुझसे ही तृप्त होगी…”

रोहित ने लंड रखा और झटके से अंदर डाल दिया।

हाआआअचोदी गई रे…!” भाभी चिल्लाई।

धप्पधप्पधप्प — घर में ज़ोर-ज़ोर से लंड की मार और चूत की टकराहट गूंजने लगी।

भाभी की चूचियाँ दीवार से टकरा रही थीं, उसकी आहें कमरे को कामुक बना रही थीं:

हाँऐसेऔर घुसामेरी चूत को फाड़ दे…!”

भाभी, गांड में भी डालूं?”

हांगांड भी तुझसे ही चुदवानी है…”

रोहित ने लंड निकाला और धीरे से गांड में डालना शुरू किया। भाभी की चीख निकल गई:

मां चोतेरे लंड ने तो गांड तक फाड़ दी!”

उसके बाद रोहित ने उसे पलटा, मिशनरी पोजीशन में, और दोनों एक-दूसरे की आँखों में देख-देखकर झटके मारते रहे।

तू मेरी रंडी है भाभीसिर्फ मेरी…”

हाँ बेटामैं तेरे लंड की गुलाम हूँ…”

15 मिनट बाद…

भाभीनिकालूं?”

नहींमेरी चूत में ही छोड़मुझे तेरे लंड का वीर्य चाहिए…”

रोहित ने गहराई तक घुसाया… और गरम, गाढ़ा वीर्य भाभी की चूत में उगल दिया।

आहहहहसारा भर देमुझे तेरे bacche चाहिए…”


🧼 समापन:

भाभी की चूत से वीर्य टपक रहा था। उसने लंड को चूसकर साफ़ किया।

कल फिर सेनई पोज़िशन में?” – रोहित ने पूछा।

तब तक रोज़जब तक ये चूत तुझसे भर ना जाए…” – भाभी बोली।

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