Biwi Ki Chhupi Saazish: Part 3
रात की गरमी उतरने के बाद भी रमेश और निशा के जिस्म में पिछली चुदाई की थकान बाकी थी।
रसोई की मेज़ पर बिखरे बर्तन और निशा की चुचियों पर सूखा आटा उस पापी खेल की गवाही दे रहे थे।
निशा हल्के सुर में बोली –
निशा (धीमे से मुस्कुराकर) – “रमेश… अगर मेरी सहेली पायल को ये सब पता चल गया, तो सोच… उसका मुँह कैसा होगा।”
रमेश (आँखों में चमक के साथ) – “क्यों ना उसे भी इस मज़े में शामिल कर लें?”
निशा शरमा कर बगल में सिमट गई… मगर उसकी आँखों में लालसा की हल्की चमक थी।
🚪 सहेली की Entry
दोपहर होते-होते दरवाज़े पर अचानक घंटी बजी।
निशा जल्दी-जल्दी दुपट्टा सँभालते हुए दरवाज़े की ओर गई।
जैसे ही दरवाज़ा खुला, सामने पायल खड़ी थी – 25 साल की, गोरी, लम्बे बाल और तंग टी-शर्ट में उसकी उभरी हुई छाती साफ़ झलक रही थी।
पायल (हँसते हुए) – “अरे वाह, निशा! सुबह-सुबह इतनी थकी हुई क्यों लग रही हो? कहीं… कोई राज़ तो नहीं छुपा रही?”
उसकी आँखें शरारती थीं, और निशा अचानक सकपका गई।
⚡ Suspenseful Tease
रमेश अंदर से झाँक रहा था।
पायल की तंग जीन्स और हिलते हुए चुचों ने उसकी नींद उड़ाई दी।
उसने सोचा – “अगर ये रसोई का राज़ जान गई… तो आज रात का मज़ा तीन गुना हो जाएगा।”
निशा ने झूठ बोलने की कोशिश की –
निशा (जल्दी से) – “न-नहीं पायल, बस रात को नींद नहीं आई थी।”
पर पायल की नज़र अचानक रसोई पर पड़ी –
गिरे हुए बर्तन, आटे से सने निशान और मेज़ पर पड़ी चुन्नी ने सब बता दिया।
पायल मुस्कुराई… और धीरे-धीरे बोली –
पायल (धीमे स्वर में) – “लगता है… यहाँ कुछ ऐसा हुआ है, जिसमें मुझे भी शामिल होना चाहिए था।”
👉 Hook:
“क्या पायल सचमुच सब जानकर उस खेल में कूद पड़ेगी? या फिर निशा की साज़िश अब बड़ा मोड़ लेगी?”
🌸 पायल का परिचय
पायल – 25 साल की, कॉलेज टाइम से निशा की सबसे करीबी सहेली।
गोरी रंगत, नुकीली नाक, हँसते ही गाल पर हल्की डिंपल।
लेकिन असली कशिश थी उसका 36 साइज का भारी जोड़ा – हर हरकत में उसके चुचे तंग कपड़ों को फाड़ते नज़र आते।
उसकी चाल में खुलापन था और होंठ हमेशा गीले जैसे किसी चुम्बन के इंतज़ार में हों।
पायल का राज़ ये था कि उसके पति अक्सर बिज़नेस ट्रिप पर रहते थे… और उसके अंदर की अधूरी आग हमेशा भड़कने के मौके ढूँढती रहती थी।
☕ पहली चिंगारी
निशा चाय बनाने रसोई में गई।
रमेश और पायल सोफ़े पर अकेले रह गए।
पायल ने अपनी आँखों से रमेश को ऊपर-नीचे ऐसे देखा, जैसे उसके कपड़े पारदर्शी हों।
पायल (धीरे से हँसकर) – “भइया… आप तो वैसे नहीं लग रहे जैसे पहले लगते थे।”
रमेश (चकित होकर) – “मतलब?”
पायल (नज़दीक झुकते हुए) – “मतलब… आपकी आँखों में अभी भी निशा की रात बाकी है।”
रमेश को झटका लगा।
मतलब पायल सब भाँप चुकी थी।
👀 आँखों का खेल
पायल ने पैर मोड़कर बैठते हुए अपनी जीन्स का बटन हल्का ढीला किया।
उसके चुचों पर टी-शर्ट कस गई और ब्रा की लाइन साफ़ झलकने लगी।
रमेश ने नज़रें चुराने की कोशिश की, पर पायल ने पकड़ लिया।
पायल (शरारती अंदाज़ में) – “देख लीजिए… नज़रें चुराने से आग और बढ़ती है।”
उसने हल्के से अपनी उँगली दाँतों में दबाई और होंठ काटते हुए मुस्कुरा दी।
रमेश की साँसें तेज़ हो गईं।
अंदर से निशा भी सब देख रही थी और उसकी आँखों में अजीब-सा संतोष था — मानो ये उसी की बनाई साज़िश का हिस्सा हो।
🔥 पहला स्पर्श
रमेश सोफ़े पर थोड़ा पीछे खिसका, मगर पायल पास ही खिसक आई।
उसकी खुशबू — पसीने और पर्फ़्यूम का मिला-जुला झोंका — रमेश की नाक में उतर गया।
पायल (फुसफुसाते हुए) – “भइया… अगर इतना ही डर है, तो मेरी आँखों में क्यों झाँक रहे हैं?”
कहते ही उसने रमेश की जांघ पर अपनी नर्म हथेली रख दी।
रमेश ने काँपते हुए उसकी तरफ़ देखा।
उसकी आँखें औरत की भूख से भरी थीं।
💋 चुंबन की शुरुआत
पायल ने धीरे-धीरे पास आकर उसका कान चूमा।
उसकी गर्म साँसें रमेश की गर्दन पर फिसलीं तो शरीर में करंट दौड़ गया।
रमेश (साँस रोकते हुए) – “पायल… ये ठीक नहीं है…”
पायल (हँसते हुए) – “सही-गलत बाद में सोचना, अभी तो बस मज़ा लो।”
उसने रमेश के होंठों पर हल्की चुम्मा जड़ दी।
पहले नरमी से, फिर ज़रा और गहराई में।
रमेश ने खुद को रोकने की कोशिश की… पर पायल के होंठों का रस पीते-पीते उसकी रुकावट टूट गई।
🫳 चुचों तक पहुँच
पायल ने खुद अपनी टी-शर्ट का गला हल्का खींचा।
उसके भारी चुचे ब्रा के भीतर कसक रहे थे।
रमेश ने काँपते हाथ से उसके गोलाई को पकड़ लिया।
पायल (आँखें मूँदकर) – “आह्ह… हाँ… ऐसे ही… और दबाइए…”
रमेश ने दोनों हथेलियों से उसके चुचों को दबाकर मसलना शुरू किया।
ब्राउन निप्पल ब्रा के अंदर से ही खड़े हो चुके थे।
पायल की कराहती आवाज़ से कमरा गूंज उठा।
🌀 छेड़खानी
पायल ने अचानक उसका हाथ हटाकर शरारती अंदाज़ में कहा –
“इतनी जल्दी क्यों? मुझे तड़पाना भी तो है।”
वो उठी, कमरे में टहलते हुए फिर वापस आई और रमेश की गोद में बैठ गई।
उसके चुचे रमेश की छाती से चिपक गए।
रमेश का धड़कता हुआ दिल दोनों को महसूस हो रहा था।
💦 चुचों का खेल
पायल पूरी तरह रमेश की गोद में बैठी थी।
उसके मुलायम चुचे सीधे रमेश की छाती पर दबे हुए थे।
रमेश के हाथ काँपते हुए ऊपर उठे और ब्रा के ऊपर से गोलाई को पकड़कर दबा दिए।
पायल (कराहते हुए) – “आह्ह… हाँ… ऐसे… धीरे-धीरे…”
उसने खुद ब्रा का हुक खोलकर रमेश के सामने अपने भारी-भरे चुचे निकाल दिए।
गोल, गोरे, बीच में कड़े भूरे निप्पल जैसे चबाने को पुकार रहे हों।
👅 ज़ुबान की छेड़छाड़
रमेश झुककर पहले हल्की ज़ुबान से निप्पल को चाटा।
पायल का पूरा जिस्म झटका खा गया।
पायल (सिसकते हुए) – “ऊँह्ह… और… जोर से…”
रमेश कभी दाएँ निप्पल को होंठों से खींचता, तो कभी बाएँ को दाँतों से हल्का काट देता।
उसके मुँह की गीलापन और गर्माहट से पायल पागल हो रही थी।
🫳 दबाव और तड़प
पायल ने खुद दोनों हाथों से अपने चुचों को दबाकर रमेश के मुँह के सामने उभारा।
पायल (बेधड़क होकर) – “चूसो इन्हें… पूरा… मेरी जान ले लो इन चुचों से…”
रमेश दोनों हथेलियों से दबाते हुए निप्पल को एक-एक करके गहराई तक मुँह में भरने लगा।
उसकी ज़ुबान निप्पलों पर गोल-गोल घूम रही थी, जैसे रस चूस रही हो।
🔥 बदन की बेक़रारी
पायल लगातार हिल रही थी, उसकी कमर रमेश की जाँघों पर रगड़ खा रही थी।
हर कराह और हर झटके से उसका जलता हुआ बदन और भड़क रहा था।
पायल (साँस फटते हुए) – “बस… रुको मत… मेरे चुचों को यूँ ही चूसते रहो… आह्ह्ह…”
उसकी आँखों में आग और पसीने की बूँदें चमक रही थीं।
कमरे में सिर्फ़ उसके कराहने और रमेश के चूसने की आवाज़ गूँज रही थी।
🔥 चुचों से नीचे की सरकन
रमेश का मुँह अभी भी पायल के गोल-भरे चुचों पर चिपका था।
वह पहले दाएँ को चूसता, फिर बाएँ को हल्के-हल्के दाँतों से दबाता।
पायल हर बार ज़ोर से सिसकती –
पायल (कराहकर) – “आह्ह्ह… ओह्ह… हाँ… और चूसो… मत छोड़ो…”
धीरे-धीरे रमेश की ज़ुबान उसकी छाती से नीचे उतरने लगी।
पायल का साँस तेज़ होने लगा, उसे समझ आ गया था कि रमेश अब कहाँ पहुँचने वाला है।
🫳 पेट और नाभि का खेल
रमेश ने उसके पेट पर गीली-गीली चुम्मियाँ रखीं।
उसकी जीभ नाभि में गोल-गोल घूमी।
पायल का पेट हर बार अंदर की ओर सिकुड़ जाता, जैसे बिजली का झटका लगा हो।
पायल (साँस अटकते हुए) – “उफ्फ… मर जाऊँगी मैं… ऐसे मत छेड़ो…”
लेकिन रमेश रुकने वाला नहीं था।
उसने जीभ से नाभि चाटते-चाटते उसकी साड़ी और पेटीकोट की गाँठ तक पहुँच बनाई।
🔥 जाँघों की तरफ़ सफ़र
अब रमेश के हाथ पायल की कमर से नीचे सरक गए।
उसने धीरे से उसकी साड़ी-पेटीकोट ऊपर उठा दिया।
पायल के गोरे, मुलायम जाँघें उसकी आँखों के सामने चमक उठीं।
रमेश ने दोनों जाँघों को पकड़कर पहले हथेलियों से सहलाया, फिर होंठों से चूमना शुरू कर दिया।
पायल तड़प उठी, उसकी कमर अपने आप ऊपर उठने लगी।
पायल (कराहते हुए) – “आह्ह्ह… वहाँ मत… ओह्ह्ह…”
लेकिन रमेश जानबूझकर उसकी जाँघों के बीच की ओर बढ़ रहा था, पर सीधा land तक नहीं पहुँच रहा।
🫦 Land के आसपास की छेड़छाड़
पायल की साँसें बेकाबू हो चुकी थीं।
उसका पेटीकोट ऊपर खिसक चुका था और सिर्फ़ पतली चड्डी land को ढँके हुए थी।
रमेश ने पहले चड्डी के ऊपर से ही अपने होंठ रख दिए।
पायल (चीखते हुए) – “ओह्ह्ह… रमेश… मत कर… आह्ह्ह…”
लेकिन उसके कराहने से साफ़ था कि वह और चाह रही थी।
रमेश ने चड्डी के कपड़े पर अपनी जीभ घुमाई, फिर दाँतों से हल्का खींचा।
अब उसका मुँह पायल के गीलेपन की गर्मी साफ़ महसूस कर रहा था।
🔥 चरम की शुरुआत
पायल की साँसें अब अनियंत्रित हो चुकी थीं।
उसकी चड्डी पूरी तरह भीग चुकी थी और हर बार रमेश की जीभ से छूने पर वह काँप उठती।
रमेश ने धीरे-धीरे चड्डी किनारे खिसका दी।
उसकी आँखों के सामने अब पायल का गीला, गुलाबी land खुलकर सामने था।
रमेश (हलक़ी हँसी में) – “तो ये है वो जगह… जिसने मुझे पागल बना रखा है।”
पायल (कराहते हुए) – “बस्स… अब देर मत करो… डाल दो… मैं और नहीं सह सकती।”
🫦 पहली entry
रमेश ने अपना धड़कता हुआ लंड पायल की जाँघों के बीच रखा।
धीरे-धीरे उसे land के होंठों पर रगड़ने लगा।
पायल की कमर बार-बार ऊपर उछल रही थी।
पायल (गहरी साँस लेते हुए) – “आह्ह… धीरे कर… ओह्ह… अंदर डालो…”
रमेश ने एक झटके में उसका लंड आधा अंदर घुसा दिया।
पायल चीख पड़ी –
पायल (सिसकते हुए) – “आह्ह्ह्ह… रमेश्स्स… मरवा दिया…”
रमेश वहीं रुक गया, फिर धीरे-धीरे धक्का देने लगा।
पूरा लंड उसकी गीली land में धँस गया।
🔥 तेज़ रफ़्तार
अब रमेश ने पकड़ बना ली थी।
वह लगातार गहरे धक्के मार रहा था – ठप्… ठप्… ठप्… की आवाज़ें कमरे में गूंज रही थीं।
पायल की चूचियाँ उसके मुँह में थीं और कमर नीचे से ऊपर उठ रही थी।
पायल (बेकाबू होकर) – “हाँ… बस ऐसे… और तेज़… आह्ह्ह…”
रमेश ने कभी धीमे, कभी बहुत ज़ोर के धक्के मारे।
पायल का पूरा बदन पसीने से भीग चुका था, लेकिन उसकी चीखें और कराहें और गहरी होती जा रही थीं।
🫦 अलग poses
रमेश ने उसे पलटकर पीछे से पकड़ लिया।
पायल चारों हाथ-पैरों पर थी, और रमेश ने पीछे से धड़ाधड़ घुसना शुरू किया।
पायल (हांफते हुए) – “आह्ह… ओह्ह… चीर डाला तूने… मर जाऊँगी मैं…”
रमेश का लंड उसके अंदर इतनी तेज़ी से घुस-निकल रहा था कि चटचट की आवाज़ें साफ़ सुनाई दे रही थीं।
पायल ने भी अपनी कमर पीछे झटका देना शुरू कर दिया।
🔥 चरमोत्कर्ष
कुछ देर बाद पायल ने ज़ोर से चीख मारी –
पायल (कराहते हुए) – “रमेश्स्स्स… मैं निकलने वाली हूँ… ओह्ह्ह्ह…”
रमेश ने भी पूरी ताकत से दो-तीन ज़बरदस्त धक्के मारे और पूरा लंड गहराई तक धंसा दिया।
दोनों साथ ही फूट पड़े —
पायल का land झरने की तरह बह रहा था, और रमेश का गरम वीर्य उसके अंदर भरता जा रहा था।
🫦 बाद की थकान
दोनों हाँफते हुए बिस्तर पर गिर गए।
पायल ने आँखें मूँद लीं, होंठ काँप रहे थे।
पायल (धीरे से) – “ये… ये तो सोचा भी नहीं था… लेकिन अब… अब मैं तुझसे और दूर नहीं रह पाऊँगी।”
रमेश ने उसके माथे पर किस किया और मुस्कुराया।
🫦 चरम के बाद का सन्नाटा
दोनों बिस्तर पर पूरी तरह पसीने में भीगे, थके-हारे पड़े थे।
कमरे में सिर्फ़ उनकी टूटी-फूटी साँसों की आवाज़ गूँज रही थी।
पायल की आँखों में अब भी जुनून की लालिमा थी, लेकिन उसी के साथ एक अजीब-सा अपराधबोध भी झलक रहा था।
पायल (धीरे, काँपती आवाज़ में) – “रमेश… हमने… हमने जो किया… गलत था न? मैं किसी और की पत्नी हूँ…”
रमेश ने उसकी गीली देह को कसकर पकड़ लिया।
रमेश (धीरे से कान में फुसफुसाते हुए) – “गलत? अगर ये गलत है… तो मैं चाहता हूँ हर रोज़ यही गुनाह हो।”
पायल की आँखों से एक बूँद आँसू बह निकला।
उसके होंठ काँपते हुए बोले –
पायल (कराहते हुए) – “तू मुझे बरबाद कर देगा… लेकिन… तेरे बिना अब रहना भी मुश्किल है।”
🔥 craving की वापसी
पायल ने अपना चेहरा रमेश की छाती पर रख दिया।
उसकी साँसें अब भी भारी थीं, लेकिन उसकी जाँघें अनजाने में फिर से रमेश की जाँघों से रगड़ खाने लगीं।
पायल (बुदबुदाते हुए) – “मेरे अंदर तूने जो भरा है… उसकी गरमी अभी भी मुझे पागल कर रही है।”
रमेश मुस्कुराया और उसके बाल सहलाने लगा।
रमेश – “तो फिर ये गरमी ठंडी करने का काम मैं ही रोज़ करूँगा… चाहे दिन हो या रात।”
पायल ने आँखें बंद कीं, होंठ भींचे… लेकिन उसके चेहरे पर साफ़ दिख रहा था –
वह डर और पापबोध में डूबी थी, फिर भी रमेश की दीवानगी को छोड़ने को तैयार नहीं थी।
🫦 Hook Ending
पायल ने अचानक उसकी आँखों में झाँका और फुसफुसाई –
पायल – “अगली बार… मेरे कमरे में… जब मेरा पति सो रहा होगा। देखते हैं तू कितना हिम्मतवाला है।”
रमेश ने चौड़ी मुस्कान के साथ उसके होठों पर गहरा चुम्बन जड़ा।