” गाँव की पड़ोसन और झोपड़ी का गुप्त मिलन “
Short Teaser
दादी की आवाज़ ने दोनों को रोक दिया ,मगर आँखों से वासना का जो तार जुड़ा था वो टूटने वाला नहीं था।गौरी का पल्लू सरकता ही चला गया और शंभू का हाथ उसके बदन से हटने को तैयार नहीं था।
Character Detail
शंभू (27 साल ):लंबा – दुबला ,मज़दूर जैसा शरीर ,आँखों में हमेशा भूख।हर मौका उसे पड़ोसन के निप्पल और चूची तक खींच ले जाता है।
गौरी (34 साल ):सूती साड़ी में भरी हुई गांड और कसकर खिंचे स्तन।पति दूर शहर में मज़दूरी करता है ,उसकी चूत महीनों से खाली है और अंदर से जल रही है।
दादी (60+ साल ):चौकी पर बैठी ,बाहर पंखा झलती।उनकी मौजूदगी ही हर forbidden छुअन को और भी खतरनाक बना देती है।
Plot / Setting
कमरा छोटा ,धूप तिरछी खिड़की से आ रही थी।टीवी का तार बिखरा पड़ा था।बाहर से दादी ने आवाज़ दी – ” अरे शंभू !चालू हुआ कि नहीं ?” गौरी और शंभू दोनों चौंके ,मगर उनकी नज़रें अब जुड़ चुकी थीं।
Foreplay / Build-up
गौरी ने पल्लू संभालने का नाटक किया ,लेकिन उसकी साँस इतनी भारी थी कि शंभू सब समझ गया।वो झुककर बोला – ” दी ,मैं ज़रा पीछे से तार देख लूँ आप ज़रा पास से पकड़ाना।”
गौरी उसके ठीक पास झुक गई।उसके स्तन उसके कंधे से छूते ही शंभू के लंड में खिंचाव हो गया।गौरी ने हल्की हँसी दबाकर कहा – ” सावधान रहियो ,दादी को भनक न लगे “
शंभू ने तार पकड़ा ,पर साथ ही उसका हाथ गौरी की गांड से टकरा गया।गौरी काँप उठी – ” म्म्म छोड़ न ,पागल इतनी जोर से दबाएगा तो आह निकल जाएगी “
शंभू मुस्कुराकर फुसफुसाया – ” आह भी तो सुनने का मज़ा होता है दी आपकी चूत तक गूँज जाती होगी।”
गौरी का चेहरा लाल पड़ गया।उसने होंठ दबाए और आहिस्ता से उसकी जाँघ पर हाथ रख दिया।अब उसकी आँखों में डर से ज़्यादा वासना चमक रही थी।
टीवी का तार ठीक करने का बहाना बनाकर शंभू ने हाथ और ऊपर सरकाया।उसका अंगूठा अब साड़ी के अंदर जाकर उसकी चूची को हल्के से रगड़ रहा था।गौरी की कराह दब नहीं पाई – ” हाय शंभू इतना पास न कर दादी बाहर हैं “
शंभू ने उसके कान में फुसफुसाया – ” अगर सच में डरती ,तो मुझे कमरे में अकेला क्यों बुलाती ?”
गौरी ने पलटकर उसकी आँखों में देखा।उसकी नज़र में भूख साफ़ थी।उसने पल्लू और ढीला कर दिया।अब उसके निप्पल का गुलाबी सिरा साफ़ झलक रहा था।
शंभू ने झटके से उसे होंठों में दबा लिया।गौरी हल्की चीख के साथ कराह उठी – ” आह्ह्ह मत कर गीली हो रही हूँ “
उसकी चूत अब सच में भीग चुकी थी ,और साड़ी के नीचे नमी फैल रही थी।
Twist / Emotional
अचानक बाहर से दादी ने फिर आवाज़ लगाई – ” अरे ,टीवी तो बजा नहीं कब तक चक्कर चल रहा है ?”
गौरी घबराकर पीछे हट गई।उसकी छाती तेज़ी से उठ – गिर रही थी ,होंठ गीले थे और आँखें वासना से चमक रही थीं।शंभू ने टीवी की प्लग घुसाते हुए कहा – ” अभी चालू करता हूँ दादी बस थोड़ा और देखना है।”
गौरी ने काँपते हाथ से पल्लू सँभाला ,पर उसकी नज़रें शंभू के खड़े हुए लंड पर ही अटकी रहीं।
Setting
शाम ढल रही थी।खेतों में हवा से सरकते धान के पौधे सरसराहट कर रहे थे।गौरी लकड़ी बटोरने के बहाने खेत की ओर निकली।शंभू पहले से ही कोने वाली झोपड़ी में इंतज़ार कर रहा था।
गौरी अंदर आते ही हाँफ रही थी – डर और इच्छा दोनों उसे भीतर से खा रहे थे।झोपड़ी में अँधेरा था ,बस दरारों से आती धूप उनकी साँसों को और गर्म बना रही थी।
Bold Foreplay Build-up
गौरी ने हकलाते हुए कहा – ” अगर किसी ने देख लिया तो बदनामी हो जाएगी शंभू “
शंभू ने दरवाज़ा अंदर से अटका दिया और उसके ठीक पीछे आ खड़ा हुआ।उसके दोनों हाथों ने गौरी की कमर पकड़ ली।धीरे – धीरे उसकी साड़ी ऊपर उठने लगी।
गौरी काँप उठी – ” आह धीरे कोई सुन लेगा तो “
शंभू ने गरम साँस उसके कानों पर छोड़ी – ” यहाँ खेतों में सिर्फ़ झींगुर गाते हैं दी सुनने वाला कोई नहीं।”
इतना कहते ही उसका हाथ सीधे गौरी की जाँघों के बीच पहुँच गया।गौरी की चूत पहले से गीली थी।उसकी कराह दबी नहीं – ” म्म्म्म शंभू और ज़ोर से दबा “
Touch & Play
शंभू ने उसकी चूत पर हाथ घुमाते – घुमाते झटके से उसे दीवार से सटा दिया।अब उसका मुँह गौरी की गर्दन पर था ,और जीभ गीली लकीरें खींच रही थी।
गौरी पागल सी हो रही थी।उसने खुद शंभू का हाथ अपनी चोली के अंदर घुसा दिया।गोल – गोल निप्पल उसकी उँगलियों में मचलने लगे।
गौरी कराहते हुए बोली – ” तू रोज़ क्यों नहीं आता रे मेरा बदन तड़प – तड़प कर सूख रहा है “
शंभू ने चूची मरोड़ते हुए जवाब दिया – ” मैं आऊँ तो रोज़ ही दादी का पंखा छोड़ दोगी क्या ?”
गौरी हँसते – कराहते बोली – ” छोड़ दूँगी बस तू ये चूत भर दिया कर।”
Oral Tease
अब शंभू झुककर उसके पल्लू को पूरा नीचे खींच चुका था।गौरी के गुलाबी निप्पल हवा में काँप रहे थे।उसने एक – एक करके दोनों को मुँह में दबा लिया।
गौरी चीख सी उठी – ” आह्ह्ह्ह ओ शंभू चूस और चूस “
उसके हाथ अब शंभू के बालों में फँस चुके थे।झोपड़ी के अंदर उसकी दबती चीखें और कराहें गूंज रही थीं।
Twist
जैसे ही शंभू नीचे झुककर उसकी साड़ी के पल्लू के नीचे जाने लगा ,अचानक बाहर से किसी के कदमों की आहट आई।
गौरी डर के मारे काँप गई और बोली – ” कोई आ रहा है भगवान के लिए रुक जा “
शंभू मुस्कुराकर फुसफुसाया – ” अब पीछे हटने का सवाल ही नहीं दी चाहे कोई देख भी ले ,आज मैं तेरी पूरी चूत चखकर ही मानूँगा।”
गौरी की आँखें डर और वासना से एक साथ भर आईं।
Suspenseful Start
झोपड़ी में अँधेरा और कराहों की गूंज थी।बाहर कदमों की आहट सुनकर गौरी का दिल ज़ोर – ज़ोर से धड़कने लगा।उसकी साँसें फूली हुई थीं – जैसे पकड़ लिए जाने का डर और छुपी वासना का नशा ,दोनों एक साथ उस पर चढ़े हों।
गौरी फुसफुसाई – ” शंभू बस कर कोई देख लेगा तो “
शंभू ने उसकी कमर को और कसकर पकड़ते हुए गरम साँस उसके कान पर छोड़ी – ” दी अब तेरे बदन की खुशबू ने मुझे पागल कर दिया है चाहे बाहर कोई भी हो।”
Teasing Touch
शंभू धीरे – धीरे उसके पल्लू के नीचे घुसा और उसकी जाँघों को सहलाने लगा।गौरी काँपते – काँपते भी अपनी टाँगें ढीली कर बैठी।उसके होंठों से दबी कराह निकली – ” म्म्म शंभू धीरे कर नहीं तो मैं चीख पड़ूँगी।”
शंभू ने मुस्कुराकर उसका चेहरा अपनी हथेलियों में थाम लिया – ” चीख तो मैं सुनना चाहता हूँ दी तेरी चीखें ही तो मेरी मस्ती हैं।”
Oral Tease Build
अचानक शंभू नीचे झुक गया।उसने उसकी साड़ी पूरी तरह घुटनों तक खींच दी।गौरी हड़बड़ा गई ,पर उसके पैर खुद – ब – खुद फैलने लगे।
शंभू की जीभ उसकी जाँघों पर नमी की लकीरें खींच रही थी।गौरी के बदन में बिजली दौड़ गई।वो अपने ही होंठ दबाकर बोली – ” आह्ह्ह्ह ओ शंभू पागल कर देगा तू “
Almost Caught Thrill
जैसे ही शंभू उसकी चूत की ओर झुकने लगा ,बाहर से फिर वही आहट सुनाई दी – इस बार और भी पास।
गौरी डर के मारे फौरन बैठ गई और साड़ी संभालने लगी।शंभू ने उसके हाथ पकड़ लिए और फुसफुसाया – ” मत छुपा तेरे से उठती महक से कोई भी पहचान लेगा कि तूने आज अपने पड़ोसी को पूरा मौका दिया है।”
गौरी काँपते हुए बोली – ” तू समझता क्यों नहीं अगर कोई देख लेगा तो मेरी इज़्ज़त मिट्टी में मिल जाएगी “
शंभू हँसकर बोला – ” और मेरी चूत की भूख ?वो मिट्टी में मिल जाए तो ?”
Craving End Hook
गौरी उसकी आँखों में देखते – देखते खुद को रोक न पाई।उसने धीरे से अपनी साड़ी का पल्लू फिर से हटा दिया – मानो हार मान ली हो।
शंभू झुककर उसकी जाँघों के बीच गर्म साँस छोड़ते ही था कि अचानक झोपड़ी के दरवाज़े पर किसी ने हल्की खटखट की।
गौरी का चेहरा पीला पड़ गया।वो काँपते हुए बोली – ” भगवान अब तो सब खत्म हो गया “
दरवाज़े की खटखट
गौरी का बदन जड़ हो गया।झोपड़ी में पसरा अँधेरा अचानक डर से भारी लगने लगा।दरवाज़े पर किसी ने फिर ठक – ठक की।
गौरी फुसफुसाई – ” हे भगवान शंभू कोई हमें देख लेगा अब क्या होगा ?”
शंभू ने उसकी कमर थामकर कान में गरम साँस छोड़ी – ” चुप रह दी दरवाज़ा खोलने से पहले देखता हूँ कौन है और अगर कोई देख भी ले ,तो सोचेगा हम टीवी ठीक कर रहे हैं।”
Suspense Peek
शंभू धीरे से दरवाज़े की झिरी से झाँकने लगा।बाहर अंधेरे में एक परछाई खड़ी थी।गौरी का दिल डर से ऐसे धड़क रहा था मानो सीना फट जाएगा।
उसने साड़ी कसकर सीने पर लपेट ली और धीरे से कराहती आवाज़ में बोली – ” कहीं दादी तो नहीं ?या मेरा पति ?”
शंभू ने मुस्कुराते हुए उसकी जाँघ पर हाथ फिसलाया – ” अगर तेरा मर्द होता तो अभी तक दरवाज़ा तोड़ देता यह कोई और है।”
Forbidden Tease Amidst Fear
दरवाज़ा अब और जोर से खटखटाया गया।गौरी डर के मारे सिहर उठी।लेकिन तभी शंभू ने उसकी चूची दबा दी ,उसके होंठ अपने होंठों से भींच लिए।
गौरी ने सिसकारी ली – ” आह्ह शंभू पागल है तू इस वक्त भी ?”
शंभू हँसते हुए बोला – ” डर में ही तो असली मज़ा है दी बाहर कोई खड़ा है और अंदर मैं तेरी चूत की खुशबू पी रहा हूँ।”
Suspense Reveal (Half)
आख़िरकार शंभू ने दरवाज़ा आधा खोला।बाहर उसका छोटा दोस्त लल्लू खड़ा था – गाँव का शरारती छोरा ,करीब 18 बरस का।
लल्लू मासूमियत से बोला – ” भैया ,बिजली चली गई थी दादी ने कहा कि तुम झोपड़ी में हो ,इसलिए बुलाने आया था।”
गौरी का चेहरा शर्म से लाल हो गया।उसने फौरन आँचल से सीना ढक लिया।
पर लल्लू की नज़रें टिक गईं गौरी की ढीली साड़ी ,उभरे हुए स्तन और चेहरे की लालिमा देखकर उसकी आँखों में भी शरारत चमकने लगी।
Hook End (Next Part Suspense)
लल्लू जाने को हुआ ,मगर दरवाज़े पर ठिठक गया।उसकी आँखें गौरी पर गड़ी थीं – मानो उसने सब समझ लिया हो।
वो धीमे से मुस्कुराया और बोला – ” भाभी आप तो बहुत सुंदर लग रही हो दादी इंतज़ार कर रही हैं ,जल्दी आओ।”
और बिना जवाब सुने वो भाग गया।
गौरी के बदन में डर और वासना दोनों एक साथ उमड़ पड़े।उसने काँपते हुए शंभू से कहा – ” अब तो ये छोरा सब भाँप गया अगर उसने किसी को बता दिया तो ?”
शंभू ने उसकी चूत के पास उंगलियाँ घुमाते हुए फुसफुसाया – ” तो फिर इसे भी राज़दार बना लेंगे “
Hook Start – Previous Suspense से Continuation
गौरी काँपते हुए शंभू के पास खड़ी थी।दरवाज़े के बाहर लल्लू की चलती कदमों की आवाज़ अब भी कानों में गूँज रही थी।उसका डर और भी गहरा हो गया – कहीं किसी ने देख लिया तो ?
लेकिन उसके बदन की भीगी – भीगी भूख अब रोक नहीं पा रही थी।साड़ी की नमी ,निप्पल की कठोरता ,और चूत की गर्माहट – सब शंभू की हर उँगली के हर स्पर्श पर प्रतिक्रिया कर रही थी।
Forbidden Tease – Fear + Vasna
शंभू ने धीरे से उसकी कमर पकड़कर झुकाया।गौरी की चूत में उंगलियाँ घुमाते हुए बोला – ” दी डर और वासना साथ – साथ बढ़ रहे हैं यही तो असली मज़ा है।”
गौरी ने होंठ काटकर फुसफुसाया – ” हम्म्म पर अगर दादी देख लेंगी तो “
शंभू ने मुस्कुराकर उसके निप्पल चूस लिए।” तो डर और भी बड़ा होगा ,और तू और भीगी समझी दी ?”
गौरी ने धीमे से कराहते हुए सिर हिलाया।उसके डर और ललक का ये मिश्रण शंभू के लिए सबसे उत्तेजक खेल बन गया।
Teasing Play
शंभू ने उँगली धीरे – धीरे उसकी चूत में घुसाई और फिर बाहर खींची।गौरी की साँसें अटक गईं ,होंठों से कराह निकलने लगी।” आह्ह शंभू मत रुक मेरी चूत अब तेरे बिना अधूरी है “
शंभू ने उसकी जाँघों के बीच हाथ घुमाया ,नर्म ,मगर फिसलन से भरा।गौरी काँपते हुए बोली – ” हाय डर के साथ ये कितना मज़ा है “
हर स्पर्श में डर की झुर्री और vasna की लहरें – गौरी की भूख और भी ज्यादा भड़क रही थी।
Suspense + Craving
गौरी ने दरवाज़े की ओर झाँकते हुए फुसफुसाया – ” अगर दादी उठ गई तो ?”
शंभू ने मुस्कुराते हुए उसकी चूत और स्तन दबाए – ” तो ये खेल और भी खतरनाक होगा ,दी डर और vasna दोनों एक साथ जीते हैं।”
गौरी का चेहरा लाल हो गया।उसके होंठ काँप रहे थे ,चूत से नमी टपक रही थी।” हम्म्म शंभू अब रुको मत मेरे डर ने मुझे और भीगी बना दिया “
गौरी ने दरवाज़े से झाँका ,बाहर आँगन में दादी के धीरे – धीरे साँसें लेने की आवाज़ गूँज रही थी।उसका दिल धक – धक कर रहा था।” अगर दादी उठ गईं तो ?” उसका डर और भी गहरा हो गया।
लेकिन उसकी भीगी चूत और उभरे निप्पल अब कोई भी इंतजार बर्दाश्त नहीं कर रहे थे।साड़ी की नमी और पेटीकोट के नीचे उभरती गर्माहट उसे खुद को रोकने नहीं दे रही थी।
Secret Touch & Forbidden Teasing
शंभू ने धीरे से उसकी कमर पकड़कर झुकाया।उँगली धीरे – धीरे उसकी चूत के ऊपर घुमाई और फिर बाहर खींची।गौरी के होंठों से कराह निकलने लगी – ” हाय शंभू ये डर और vasna दोनों साथ में मुझे पागल कर रहे हैं।”
शंभू ने मुस्कुराकर उसकी नाभि और स्तनों पर हल्का दबाव डाला।गौरी ने अपने हाथों से उसकी उँगलियाँ पकड़कर अपनी चूत पर रख दी – ” हम्म्म अब मत रुको मेरी भीगी चूत अब तेरे बिना अधूरी है “
Suspense-Play
गौरी ने धीरे से कहा – ” अगर दादी आ गईं तो मैं “
शंभू ने कान में फुसफुसाया – ” तो खेल और भी मज़ेदार होगा ,दी डर और vasna दोनों साथ में और तू खुद नहीं रोक पाएगी।”
गौरी का बदन काँपने लगा।चूत की नमी और निप्पल की कठोरता अब हर स्पर्श पर प्रतिक्रिया कर रही थी।” आह्ह शंभू डर के साथ ये vasna मुझे और भीगी बना रहा है।”
Teasing Build-up
शंभू ने धीरे – धीरे उँगली से उसके पेटीकोट के नीचे घुसे और बाहर खींची।गौरी ने कराहते हुए कहा – ” हम्म्म शंभू अब मत रुको मेरा बदन अब बस तेरे स्पर्श में ही जी रहा है।”
उसकी जाँघें काँप रही थीं ,हाथ अपने आप उसकी चूत तक जा रहे थे।शंभू ने हल्का सा whisper किया – ” दी अगली बार जब दादी सो जाएँगी ,मैं तेरी चूत का असली स्वाद लूँगा और तू खुद नहीं रोक पाएगी।”
गौरी की साँसें अब और तेज़ हो चुकी थीं।भीगी चूत ,उभरे निप्पल और पेटीकोट के नीचे उभरती गर्माहट उसे और बेकाबू कर रही थीं।” अगली बार जब दादी सो जाएँगी मैं ” उसका डर अब मज़ेदार thrill में बदल चुका था।
Forbidden Touch & Secret Play
शंभू ने धीरे – धीरे उसकी कमर पकड़कर झुकाया।उँगली उसकी चूत पर फिर से घुमाई और धीरे – धीरे अंदर तक डाली।गौरी की कराहें कमरे में गूँज उठीं – ” हाय शंभू अब मत रुको मेरी चूत अब तेरे बिना अधूरी है “
शंभू ने उसकी नाभि और स्तनों पर हल्का दबाव डाला।गौरी ने खुद अपनी चूत पर उँगली रखकर उसे और भी geeli बना दिया।” हम्म्म ये डर और vasna दोनों मेरे शरीर में आग लगा रहे हैं।”
Suspense & Teasing
गौरी ने धीरे से कहा – ” अगर दादी आ गईं तो “
शंभू ने कान में फुसफुसाया – ” तो thrill और भी बढ़ जाएगा ,दी डर और vasna दोनों साथ में और तू खुद नहीं रोक पाएगी।”
गौरी का बदन काँपने लगा।चूत की नमी और निप्पल की कठोरता अब हर स्पर्श पर प्रतिक्रिया कर रही थी।” आह्ह शंभू ये डर और vasna मुझे पागल कर रहे हैं “
Teasing Build-up
शंभू ने धीरे – धीरे उँगली से पेटीकोट के नीचे घुसे और बाहर खींची।गौरी ने कराहते हुए कहा – ” हम्म्म अब मत रुको मेरा बदन बस तेरे स्पर्श में ही जी रहा है।”
उसकी जाँघें काँप रही थीं ,हाथ अपने आप उसकी चूत तक जा रहे थे।शंभू ने whisper किया – ” दी अगली बार जब दादी सो जाएँगी ,मैं तेरी चूत का असली स्वाद लूँगा और तू खुद नहीं रोक पाएगी।”
गौरी की आँखों में डर और craving दोनों चमक रहे थे।भीगी चूत ,उभरे निप्पल और काँपती जाँघें उसे बेकाबू कर रही थीं।” भीगी भूख अब और बढ़ चुकी है अगला touch अब रुका नहीं जा सकता।”
Forbidden Touch – Full Immersion
शंभू ने धीरे – धीरे उसकी कमर को पकड़कर चारपाई पर दबाया।उँगली उसकी चूत में घुसाते हुए ,दूसरे हाथ से उसके निप्पल को मसल रहा था।गौरी कराहते हुए फुसफुसाई – ” हम्म्म शंभू अब बस मत रोक मेरी चूत तेरे बिना अधूरी है “
उसकी जाँघें फैल चुकी थीं ,और चूत की नमी हर स्पर्श पर छप – छप कर रही थी।शंभू ने धीरे – धीरे अपना लंड उसकी चूत के दरवाज़े पर टिकाया और हल्का दबाया।” दी ये डर और vasna दोनों मिलकर आग लगा रहे हैं अब तुझ पर पूरी पकड़ है।”
Suspense & Secret Thrill
गौरी ने होंठ दबाकर कहा – ” अगर दादी देख लेंगी तो “
शंभू ने कान में फुसफुसाया – ” तो thrill और भी बढ़ जाएगा तू खुद रोक नहीं पाएगी ,दी।”
उसकी कराह अब और तेज़ हो गई।गौरी का बदन काँप रहा था ,चूत पूरी तरह भीग चुकी थी और निप्पल कठोर।” आह्ह शंभू ये डर और vasna मुझे पागल कर रहे हैं “
Erotic Build-up
शंभू ने धीरे – धीरे लंड को अंदर खींचा।गौरी की चूत tight हो गई ,और हर धक्का उसे और जोर से जकड़ रहा था।” आह्ह शंभू और और अंदर ” उसने खुद अपनी कमर हिलाना शुरू किया ,खुद को और अंदर खींचते हुए।
उसका शरीर पूरी तरह surrender में था।शंभू ने एक हाथ से निप्पल दबाया ,दूसरे हाथ से चूत और गांड को मसाज किया।” दी तू खुद चाह रही है और मैं पूरा control में हूँ।”
Ultimate Climax Explosion
तेज़ – तेज़ धक्कों के बीच गौरी की चूत tight होकर लंड को जकड़ रही थी।कराहें और छप – छप की आवाज़ कमरे में गूँज रही थीं।” आह्ह्ह बाहर मत देख बस अंदर डाल पूरा फाड़ दे मुझे ” शंभू ने अंतिम जोरदार धक्का मारा और लंड पूरी तरह अंदर गया।
गौरी का बदन spasms में था ,कराहें लगातार निकल रही थीं – ” आह्ह्ह तूने मेरी चूत पूरी तरह भर दी मेरी जान निकल गई “
Aftermath / Emotional Twist
दोनों पसीने और vasna में लथपथ ,चारपाई पर गिर पड़े।गौरी का चेहरा लाल ,आँखें आधी बंद और होंठ दबे हुए थे।” अब अब मैं तेरी हूँ चाहे दुनिया देखे या न देखे ” शंभू ने मुस्कुराते हुए उसके होंठ दबा दिए – ” और मैं हमेशा तेरे हर राज़ को जानूँगा ,दी।”