बाप-बेटी का आंगन थ्रिल






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Short Teaser

दोपहर की धूप में मीरा और राजीव ने आँगन को ही अपना गुप्त खेल का मैदान बना लिया था।पिता – पुत्री का roleplay करते हुए ,हर छेड़छाड़ और नज़र का टकराव उन्हें forbidden वासना की गहराई में खींच रहा था।किसी भी पल पड़ोसन की आवाज़ आ सकती थी और यही डर खेल को और गर्म बना रहा था।

 

Character Detail

मीरा (30 साल ):पतली काया ,हल्के भूरे रंग की साड़ी में कसकर बंधा बदन ,गहनों के नीचे छुपी नंगी ख्वाहिशें।teasing touch par sharm se लाल पड़ना ,पर अंदर ही अंदर उसका मन उसी छेड़छाड़ की craving करता।

राजीव (32 साल ):चौड़े सीने और मर्दाना बाजुओं वाला ,आँखों से teasing aur हाथों से अनजाने स्पर्श का खेल जानने वाला।अपनी पत्नी को roleplay में " बेटी " बना कर उसे शरमाने और मचलने पर मजबूर करना ही उसकी छुपी वासना थी।

रेखा चाची (40 साल ,पड़ोसन ):अचानक आ टपकने वाली ,उनकी गोपनीयता को खतरे में डालने वाली।

 

Plot / Setting

गाँव का दोपहर का वक्त।कच्चे आँगन में तुलसी का चौरा ,आसपास से आती बैलों की घंटियों की आवाज़ ,और बीच – बीच में पड़ोस की औरतों की हँसी।मीरा – राजीव को पता था कि कोई भी पल कोई देख सकता है ,पर यही " पब्लिकिश thrill" उन्हें और भड़काता था।

 

Foreplay / Build-up

मीरा ने पानी से भरा लोटा उठाया ही था कि पीछे से राजीव ने धीरे से उसकी कमर पकड़ ली।" अरे बाबा छोड़ो न " मीरा ने बनावटी नखरे दिखाते हुए कहा ,पर उसके गालों की लाली उसकी असली हालत बता रही थी।

राजीव कान के पास झुककर बोला ," बेटी ,इतने पतले चूड़ी वाले हाथों से कैसे सारा काम करोगी ?" मीरा का दिल जोर से धड़क उठा।यह " बेटी " शब्द उसके भीतर एक अजीब सी वासना जगा देता था।

उसने हल्के से झटककर लोटा रख दिया।" लोग देख लेंगे तो ?" राजीव ने मुस्कराकर उसके गले के पास अपनी उंगलियाँ फेर दीं।" देखेंगे तो यही समझेंगे कि बाप अपनी बेटी को दुलार कर रहा है "

मीरा काँप उठी।उसका सीना कसने लगा ,साँस तेज़ होने लगी।उसकी पतली साड़ी के पल्लू से झाँकती हुई हल्की निप्पल की outline को राजीव ने ऐसे घूरा कि मीरा ने झेंपकर पल्लू कसकर खींच लिया।

" बाबा " उसने धीरे से कहा , " इतना मत छेड़ो ,दिल धड़क रहा है मेरा।" राजीव ने शरारत से उसकी गर्दन के पास होंठ ले जाते हुए फुसफुसाया ," बस छेड़ ही तो रहा हूँ अभी तो कुछ किया भी नहीं।"

मीरा के होंठ काँपने लगे।उसने पलटकर राजीव को देखा – उसकी आँखों में वासना की चमक थी।उसने अनजाने में अपनी हथेली से राजीव की बाँह दबा दी – जैसे रोक रही हो ,पर भीतर ही भीतर उसी छेड़छाड़ का इंतज़ार कर रही थी।

तभी अचानक बाहर गली से रेखा चाची की हँसी की आवाज़ आई।मीरा घबरा गई।" अभी आँगन में मत कोई देख लेगा तो मर जाऊँगी मैं ," उसने हड़बड़ाते हुए कहा।

राजीव ने उसके कान के पास झुककर धीमे से कह ा ," तू तो मेरी बेटी है और बाप – बेटी के दुलार पर कौन शक करेगा ?पर आज रात रात को जब सब सो जाएँगे तब मैं तुझे अपनी गोद में लिटाकर तेरी हर साँस गिनूँगा।"

मीरा के बदन में सिहरन दौड़ गई।उसने होंठ भींच लिए ,चेहरा दूसरी ओर मोड़ लिया ,पर उसकी आँखें एकदम भीगी हुई लग रही थीं।उस पल में उसके मन में शर्म और चाहत दोनों का तूफ़ान था।

 

Twist / Emotional

मीरा जानती थी कि यह खेल खतरनाक है।हर स्पर्श पर डर और लालसा मिलकर उसे पिघला रहे थे।वो चाहकर भी राजीव से दूर नहीं जा पा रही थी ,बल्कि हर बार " बेटी " कहकर बुलाने पर उसका दिल और गहरा डूबता जा रहा था।

मीरा ने होंठ भींचे हुए थे ,आँखें नम और बदन सिहरनों से कांप रहा था।राजीव ने धीरे से उसका हाथ पकड़ लिया और उँगलियों के बीच फँसाकर दबाया।मीरा ने झटके से हाथ छुड़ाया ,मगर अगले ही पल उसकी आँखें झुक गईं।आँगन में हवा थोड़ी ठंडी चली ,साड़ी का पल्लू हल्का सरक गया।राजीव ने मुस्कराकर पल्लू को सीधा करने के बहाने उसके स्तनों के ऊपर से हाथ फेर दिया।

मीरा ने काँपती आवाज़ में कहा , " बाबा छोड़ो न " राजीव उसके गाल से बाल हटाते हुए बोला , " बेटी ,तेरी धड़कन तो ऐसे भाग रही है जैसे किसी ने चोरी पकड़ ली हो।"

मीरा ने गर्दन झुका ली ,गाल लाल थे।उसका सीना ऊपर – नीचे हो रहा था।राजीव ने पास खींचकर उसकी पीठ पर उँगलियाँ फिराईं।उसकी पतली पीठ पर जैसे बिजली दौड़ गई।मीरा की साँस फटने लगी ,आँखें बंद हो गईं।

राजीव धीरे से झुका और उसके होंठों के पास रुक गया।मीरा ने आँखें खोलीं ,होंठ काँप रहे थे।उसने हल्की सी आह भरी और चेहरा दूसरी ओर मोड़ लिया।राजीव ने और पास आकर कान के पास फुसफुसाया , " तेरे होंठ ऐसे लगते हैं जैसे बिना चुंबन के रूठ गए हों।"

मीरा का बदन तप रहा था।उसने पल्लू कसकर पकड़ा ,पर पल्लू की पकड़ ढीली पड़ गई।राजीव की उँगलियाँ उसके नाभि के पास पहुँच गईं।मीरा ने जैसे अनजाने में ही उसकी कलाई पकड़ ली ,मगर छोड़ भी दी।उसकी साँसों की गर्मी राजीव की गर्दन से टकरा रही थी।

अचानक अंदर से चरखी की चरमराहट की आवाज़ आई।दोनों चौक पड़े।मीरा तुरंत पीछे हट गई ,साड़ी का पल्लू कस लिया।राजीव ने हँसते हुए कहा , " डर गई बेटी ?" मीरा ने गुस्से में उसकी ओर देखा ,मगर आँखों में लाली और चाहत दोनों थीं।धीरे से बोली , " अगर कोई सच में देख लेगा तो ?"

राजीव ने उसके हाथ को अपने सीने पर रख दिया।" तू तो बस मेरे दिल की धड़कन सुन बाकी सब भूल जा।" मीरा का हाथ काँप रहा था।उसने हल्के से दबाया और तुरंत खींच लिया।

शाम धीरे – धीरे उतरने लगी।रसोई से दाल की खुशबू आ रही थी।मीरा ने नज़रें चुराकर कहा , " रात को अगर मैं तेरे पास आई तो फिर मुझे रोक न पाना।" राजीव ने मुस्कराकर जवाब दिया , " बेटी ,आज रात तेरे सारे नखरे टूटेंगे।"

मीरा ने उसकी ओर देखा ,आँखें शर्म से झुकीं और होंठ हल्के से भीग गए।वो बिना कुछ कहे रसोई की ओर बढ़ गई ,मगर हर कदम जैसे भारी था ,जैसे दिल बार – बार पीछे मुड़ने को कह रहा हो।

राजीव आँगन में खड़ा उसे जाता देख रहा था।उसके होंठों पर हल्की मुस्कान और आँखों में गहरी वासना चमक रही थी।

रात का अँधेरा धीरे – धीरे घर पर उतरने लगा।घर के बाकी लोग अपने – अपने कमरों में चले गए।आँगन में केवल चिराग की लौ टिमटिमा रही थी।मीरा ने धीरे से खिड़की से झाँका।राजीव चौकी पर लेटा था ,मगर उसकी आँखें दरवाज़े की ओर टिकी थीं।

मीरा के दिल की धड़कन तेज़ थी।उसने दरवाज़े की कुंडी धीरे से खोली।हल्की चरमराहट हुई।राजीव उठकर बैठ गया ,उसके चेहरे पर वही शरारती चमक थी।

मीरा ने आँखें झुका लीं ,साड़ी का पल्लू कंधे से फिसलने लगा।वो काँपते कदमों से आगे बढ़ी।राजीव ने हाथ बढ़ाकर उसका पल्लू पकड़ लिया।

मीरा ने सिर झुका लिया ,धीरे से बोली , " बाबा अब मत छेड़ो वरना मैं "

राजीव ने मुस्कराकर उसके होंठों पर उंगली रखी , " चुप आज रात बस तू और मैं।"

मीरा की साँसें तेज़ हो चुकी थीं ,आँखें नीचे झुकी थीं और दिल धक – धक कर रहा था।राजीव ने उसकी ठोड़ी उँगलियों से ऊपर उठाई ,मीरा की भीगी नज़रें काँपते हुए उसके चेहरे से टकराईं।पल भर के लिए दोनों के बीच सन्नाटा छा गया ,सिर्फ चिराग की लौ की हल्की झिलमिलाहट कमरे में नाच रही थी।

राजीव ने उसके गाल पर अपनी हथेली रख दी ,मीरा की त्वचा तप रही थी।उसने पल्लू ढीला होने दिया ,और पल्लू फिसलते ही उसका सीना राजीव की नज़रों के सामने कसकर उठने – गिरने लगा।मीरा ने होंठ काट लिए ,मगर उसकी आँखों में वासना और डर दोनों झलक रहे थे।

राजीव ने उसके गले के पास होंठ रखे ,मीरा का बदन सिहर गया।उसने धीरे से कराहते हुए कहा , " बाबा प्लीज़ " मगर उसकी आहट में मना करने से ज़्यादा लालसा थी।राजीव ने उसकी गर्दन से लेकर कंधे तक चुंबन छोड़ दिए।मीरा के हाथ अनजाने में ही उसकी पीठ पर कस गए।

उसकी साँसें और तेज़ हो गईं।राजीव ने उसके सीने पर हाथ रखा ,मीरा हल्के से पीछे हटी लेकिन खुद को रोक न सकी।उसके स्तनों का कसाव और धड़कनें उसकी पकड़ में काँप रही थीं।मीरा ने आँखें बंद कर लीं और होंठों से धीमी सी कराह निकली।

राजीव ने फुसफुसाकर कह ा ," बेटी ,तेरे ये नखरे मुझे और पागल कर रहे हैं।" मीरा ने काँपती आवाज़ में कहा , " अगर कोई सुन लेगा तो ?" राजीव ने उसके कान के पास होंठ रखते हुए जवाब दिया , " सब सो रहे हैं और तेरा बाबा जाग रहा है सिर्फ तेरे लिए।"

मीरा का चेहरा उसकी छाती में छुप गया।उसने खुद को समेटना चाहा ,मगर राजीव की बाँहों में कस गई।उसके होंठ मीरा के होंठों से छूते ही रुके ,फिर धीरे – धीरे उसमें घुल गए।मीरा पहले तो पीछे हटना चाहती थी ,मगर अगले ही पल उसकी देह ढीली पड़ गई और होंठों का खेल गहराने लगा।

मीरा की उँगलियाँ राजीव के बाजुओं पर कस गईं ,उसके होंठों से हल्की सिसकारी निकली।राजीव ने उसे और पास खींचकर कमर थाम ली।साड़ी का कपड़ा सरकता चला गया और उसकी गरम त्वचा राजीव के हाथों में थरथराने लगी।

मीरा ने आँखें खोलकर एक पल उसकी तरफ देखा ,चेहरा शर्म और चाहत से लाल था।उसने धीमे से कहा , " बाबा अब मुझसे सहा नहीं जा रहा।"

राजीव ने उसे पलंग की ओर धीरे से खींच लिया।चिराग की लौ उनके चेहरों पर खेल रही थी ,और कमरे में सिर्फ उनकी साँसों की आवाज़ गूँज रही थी।

मीरा पलंग के किनारे बैठ गई ,उसके सीने की धड़कन इतनी तेज़ थी कि खुद उसे सुनाई दे रही थी।राजीव ने उसके पल्लू को पूरी तरह सरका दिया और उसकी चूची को हथेली में भर लिया।मीरा सिहर उठी ,होंठ दबाकर कराह गई।

" बाबा ऐसे मत दबाओ बहुत कस रहा है ," उसने आँखें बंद करके कहा।राजीव ने शरारत से उसके निप्पल को उँगलियों में मरोड़ा और बोला , " बेटी ,तेरे स्तन तो जैसे आग उगल रहे हैं।"

मीरा ने बदन मोड़ने की कोशिश की ,मगर उसकी पीठ पहले ही राजीव की बाँहों में फँसी हुई थी।उसके होंठों का खेल तेज़ होता गया – कभी गले पर ,कभी सीने के बीच में।मीरा की कराह अब दबे स्वर में नहीं ,खुले कमरे में गूँज रही थी।

राजीव का हाथ धीरे – धीरे नीचे सरकने लगा।मीरा ने काँपते हुए उसका हाथ रोकने की कोशिश की ,मगर उँगलियाँ ढीली पड़ गईं।उसकी साड़ी ऊपर खिसक गई और मुलायम चुतड़ों पर राजीव की पकड़ कस गई।

मीरा ने दाँत भींच लिए , " बाबा वहाँ मत " राजीव ने हँसकर उसके कान में कहा , " यही तो जगह है जहाँ तेरी सारी वासना छुपी है।"

उसकी उँगलियाँ अब उसकी जाँघों के बीच पहुँच चुकी थीं।मीरा की साँसें उखड़ने लगीं।उसने आँखें खोलकर राजीव को देखा ,चेहरा पसीने से चमक रहा था ,होंठ आधे खुले और दिल जैसे फटने को तैयार।

राजीव ने उसका बदन पलंग पर लिटा दिया।उसकी साड़ी लगभग पूरी तरह बिखर चुकी थी।उसने दोनों हाथों से उसके स्तनों की मालिश शुरू कर दी।मीरा बार – बार कराह रही थी ,उसकी टाँगें अनजाने में सख़्ती से आपस में भींची हुई थीं।

राजीव ने उसकी टाँगों पर दबाव डालते हुए कहा , " बेटी ,इन्हें खोल दे तेरी चूत को मेरे हाथ की ज़रूरत है।" मीरा ने होंठ काटकर सिर हिला दिया ,मगर उसके बदन की बेचैनी साफ़ दिख रही थी।उसने धीरे – धीरे अपनी टाँगें ढीली कर दीं।

राजीव की उँगलियाँ उसकी भीगी जगह पर पहुँचीं।मीरा का पूरा जिस्म झटका खाकर उठ गया।उसने ज़ोर से राजीव की बाँह पकड़ ली ,कराहते हुए बोली , " बस बाबा अब और मत रोकना।"

राजीव ने मुस्कराकर उसके होंठों पर गहरा चुंबन जड़ दिया।कमरे में अब सिर्फ़ उनकी कराह और चिराग की हल्की लौ रह गई थी।

मीरा की साँसें बेकाबू हो चुकी थीं।राजीव की उँगलियाँ उसकी भीगी हुई चूत पर घूम रही थीं और हर हलचल पर उसका जिस्म काँप उठता था।उसने दोनों हाथों से राजीव की कलाई पकड़ ली ,मगर पकड़ इतनी ढीली थी कि रोकने के बजाय और बुलाने जैसी लग रही थी।

राजीव ने उसकी आँखों में देखते हुए उँगलियाँ और अंदर सरका दीं।मीरा ने जोर से कराहते हुए कहा , " ओह बाबा रुक जाओ नहीं तो मैं टूट जाऊँगी।" उसके होंठ काँप रहे थे ,सीना ऊपर – नीचे उछल रहा था।

राजीव ने उसके निप्पल होंठों से पकड़ लिए और दाँतों से हल्का काटा।मीरा का बदन बिजली की तरह काँप उठा।उसकी टाँगें अनजाने में राजीव की कमर के चारों ओर कस गईं।

" तेरे ये स्तन और तेरी कराह पागल कर रही है मुझे ," राजीव ने उसकी गर्दन पर चुंबन बरसाते हुए कहा।

मीरा अब पूरी तरह उसके नीचे दब चुकी थी।उसने अपने नाखूनों से राजीव की पीठ पर खिंचाव डाल दिया।" अब और मत छेड़ो बाबा मुझे पूरा चाहिए।" उसकी आवाज़ काँप रही थी मगर वासना से भीगी थी।

राजीव ने उसकी टाँगों को और खोलते हुए अपना लंड उसकी जाँघों से रगड़ दिया।मीरा ने आँखें बंद करके कराहते हुए कमर ऊपर उठाई।उसकी भीगी हुई चूत से गर्माहट की लहरें उठ रही थीं।

राजीव ने फुसफुसाकर कहा , " बेटी अब तू मेरे बिना एक पल भी नहीं रह पाएगी।" मीरा ने होंठ काटते हुए सिर हिलाया और उसकी कमर को अपनी ओर कस लिया।

कमरे में अब सिर्फ़ उनकी तेज़ साँसें ,दबे हुए सेक्स की आहट और चिराग की लौ काँप रही थी।

मीरा की साँसें टूटने लगी थीं ,बदन की हर नस तंग और गर्माहट से झुलस रही थी।राजीव ने उसकी चूत पर उँगलियाँ धीरे – धीरे घुमाईं ,हर हलचल पर मीरा की कमर पलंग पर उठती और गिरती।उसका हाथ अनजाने में राजीव की छाती पर फँस गया ,मगर कसाव बढ़ता गया।

राजीव ने उसके स्तन अपने हाथों में कसकर पकड़ लिए ,उँगलियों से निप्पल को हल्का मरोड़ते हुए।मीरा की आँखें बंद हो गईं ,होंठों से कराह निकल रही थी।उसने पल्लू कसकर पकड़ लिया ,लेकिन राजीव ने हल्के से फिसलते पल्लू को पकड़कर ऊपर खींच दिया।

" बाबा बस अब और मत छेड़ो " मीरा की आवाज़ काँप रही थी ,पर उसके बदन की प्रतिक्रिया कह रही थी कि हर छेड़छाड़ ने उसे और तरसाया था।

राजीव ने उसकी जाँघों के बीच अपनी हाथ की गर्माहट महसूस की और धीरे से उसकी चूत में दबाव बढ़ाया।मीरा ने जोर से कराहते हुए कमर ऊपर उठाई।उसकी साँसें अब उखड़ने लगी थीं ,और उसके होंठों का खेल राजीव की गर्दन पर उतर गया।

राजीव ने उसे और पास खींचा ,पलंग पर उसके बदन को छूते हुए धीरे – धीरे छेड़छाड़ की।मीरा की उँगलियाँ अब उसके कंधों और बाजुओं में फँस गई थीं ,उसकी देह हर हलचल पर झुकी और काँपी।

" तेरी ये वासना तेरी कराह मुझे पागल कर रही है ," राजीव ने फुसफुसाकर कहा।मीरा ने सिर पीछे झुकाया ,होंठों से हल्की आह निकली।उसका बदन अब पूरी तरह राजीव की पकड़ में था।

राजीव ने उसकी टाँगों को फैलाकर कमर पर दबाव डाला और धीरे – धीरे उसे अपनी तरफ खींचा।मीरा ने आँखें बंद करके कराहते हुए उसके लटके चुतड़ों और गांड पर हाथ फेरा।उसका बदन अब गरमाहट और कसाव से भर चुका था ,हर स्पर्श उसे और भी intimate एहसास दे रहा था।

साँसें तेज़ और असंतुलित हो गईं।मीरा ने खुद को पलंग पर समेटते हुए कहा , " अब अब और नहीं रुक सकता बाबा " राजीव ने मुस्कराकर उसकी जाँघों और कमर को कसते हुए उसके होंठों पर एक गहरा चुंबन डाल दिया।

मीरा के बदन की हर नस तनी हुई थी ,हर साँस में वासना की लहर दौड़ रही थी।राजीव ने उसकी जाँघों को कसते हुए धीरे – धीरे अपनी उँगलियाँ उसकी भीगी चूत में घुमाईं।मीरा की कराह अब दबे स्वर में नहीं थी ,वह खुलकर उसके हाथों और होंठों की हर हरकत पर प्रतिक्रिया दे रही थी।

राजीव ने उसके स्तन अपने हाथों में कसकर पकड़े और उँगलियों से निप्पल को हल्का मरोड़ते हुए धीरे – धीरे नीचे की तरफ खींचा।मीरा ने कमर ऊपर उठाकर उसके हाथों की गर्माहट महसूस की ,हर कराह में उसकी intimate चाहत और भी तेज़ हो गई।

" बाबा अब और मत " मीरा ने कांपते हुए कहा ,लेकिन उसके हाथ अनजाने में खुद राजीव की पीठ और बाजुओं पर फँस गए।राजीव ने मुस्कराकर उसके सिर को अपनी छाती से चिपका लिया।

उसने मीरा की चूत के आसपास उँगलियाँ बढ़ाई ,हल्के से दबाव और घुमाव डालते हुए।मीरा की साँसें टूटने लगीं ,होंठ हल्के से काँप रहे थे।उसने सिर झुकाकर उसके गाल और गले पर चुम्बन लिया।

राजीव ने उसकी टाँगों को और खोलकर कमर पर दबाव बढ़ाया।मीरा की जाँघों और कमर पर गर्माहट फैल गई ,बदन कांपने लगा।उसने हाथों से उसके बाजू पकड़ लिए और कराहते हुए कहा , " बाबा अब मुझे और सहन नहीं हो रहा।"

राजीव ने उसके होंठों पर गहरा चुंबन दिया ,उसका चेहरा अपने हाथों में पकड़कर उसे पास खींचा।मीरा ने उसके होंठों को अपने होंठों से दबा लिया ,कराहते हुए अपनी वासना को और खुला छोड़ दिया।

उसकी चूत अब पूरी तरह राजीव की उँगलियों और हाथों की गर्माहट में थी।मीरा ने खुद को पलंग पर कसकर उसके पास समेट लिया ,हर स्पर्श और हर छेड़छाड़ पर कराहती हुई।उसकी साँसें तेज़ ,होंठ भरे और शरीर झुलसता हुआ महसूस कर रहा था।

राजीव ने उसकी कमर और जाँघों को कसते हुए धीरे – धीरे अपनी नज़दीकियों को बढ़ाया।मीरा ने आँखें बंद करके अपने हाथों से उसके स्तनों और बाजुओं को पकड़ लिया।उसका बदन अब पूरी तरह गर्माहट और कसाव से भर गया था ,हर पल राजीव की intimate छुअन उसे और पागल कर रही थी।

मीरा का बदन पूरी तरह से झुलस रहा था ,हर स्पर्श उसकी वासना को और तेज़ कर रहा था।राजीव ने उसकी चूत में उँगलियाँ धीरे – धीरे और अंदर सरकाईं ,मीरा की कराह अब रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी।उसने कमर ऊपर उठाई ,हर हलचल में अपने स्तन को उसके हाथों में महसूस किया।

" बाबा अब बहुत हो गया " मीरा की आवाज़ कांप रही थी ,होंठ हल्के से फँसे हुए थे।राजीव ने उसकी गर्दन पर एक गहरा चुंबन डालते हुए फुसफुसाया , " बस बेटी तेरी यह कराह मुझे और पागल कर रही है।"

मीरा ने पलंग पर अपना बदन कस लिया ,उसकी टाँगें अनजाने में राजीव की कमर के चारों ओर लिपट गईं।राजीव ने उसके निप्पल पर उँगलियाँ फेरते हुए उसके सिर को अपने गाल से चिपका लिया।मीरा ने अपनी आँखें बंद कर लीं और होंठों से हल्की सी कराह निकाली।

राजीव ने धीरे – धीरे उसका पल्लू ऊपर सरकाया ,उसकी चूत अब पूरी तरह उसके हाथों और उँगलियों के बीच थी।मीरा की साँसें टूट रही थीं ,बदन कांप रहा था और हर कराह में उसकी intimate लालसा साफ़ दिख रही थी।

उसने अपनी टाँगों को हल्का फैलाया और राजीव के हाथों को और भीतर आने दिया।मीरा के होंठ अब उसके होंठों से जुड़े हुए थे ,हर चुंबन और छेड़छाड़ के साथ उसकी कराह बढ़ती गई।

राजीव ने उसकी कमर और जाँघों को कसते हुए कहा , " तेरी ये वासना ,तेरी कराह सब मेरे लिए।" मीरा ने सिर झुकाकर उसके गाल और गले पर चुम्बन लिया ,कराहती हुई ,शरीर में हर जगह गर्माहट महसूस कर रही थी।

उसकी चूत अब पूरी तरह राजीव की उँगलियों और हाथों की पकड़ में थी।मीरा ने पलंग पर अपने हाथों से उसके बाजुओं और कंधों को पकड़ लिया ,हर स्पर्श पर कराहती हुई।उसकी साँसें तेज़ और असंतुलित थीं ,होंठ हल्के से फटे और बदन झुलस रहा था।

राजीव ने धीरे – धीरे अपनी नज़दीकियों को बढ़ाया ,मीरा ने आँखें बंद करके अपने हाथों से उसके स्तनों और बाजुओं को कस लिया।उसका बदन अब पूरी तरह intimate गर्माहट और कसाव में डूब चुका था ,हर पल राजीव की छुअन उसे और पागल कर रही थी।

मीरा की साँसें अब उखड़ी हुई थीं ,बदन पूरी तरह वासना और गर्माहट में झुलस रहा था।राजीव ने उसकी चूत और जाँघों के बीच उँगलियों का दबाव बढ़ाया ,हर हलचल पर मीरा की कमर पलंग पर उठती और गिरती।उसने खुद को पलंग पर कस लिया ,लेकिन हर स्पर्श पर उसकी intimate लालसा और बढ़ती जा रही थी।

राजीव ने उसके स्तन दोनों हाथों से पकड़कर धीरे – धीरे मरोड़ दिया।मीरा ने होंठ दबाकर कराह भरी ,टाँगें अनजाने में उसके कमर के चारों ओर कस गईं।उसकी धड़कनें इतनी तेज़ थीं कि खुद उसे सुनाई दे रही थीं।

" बाबा अब और मत " मीरा की आवाज़ कांप रही थी ,लेकिन उसके हाथ राजीव की पीठ पर कस गए।राजीव ने मुस्कराते हुए उसके गाल और गले पर चुंबन बरसाए।

मीरा ने पलंग पर अपनी कमर ऊपर उठाई ,उसकी चूत में उँगलियाँ महसूस करते हुए कराहती रही।राजीव ने धीरे – धीरे पल्लू को ऊपर सरकाया और उसके निप्पल पर उँगलियाँ फेरते हुए हल्का दबाव डाला।

मीरा के होंठ हल्के से खुले ,कराहती आवाज़ कमरे में गूँज रही थी।उसने अपने हाथों से राजीव की बाँहों और बाजुओं को कसकर पकड़ा।उसका बदन अब पूरी तरह गर्माहट और कसाव में डूब चुका था ,हर हलचल पर उसकी वासना बढ़ रही थी।

राजीव ने उसकी टाँगों को हल्का फैलाकर कमर पर दबाव बढ़ाया।मीरा ने आँखें बंद करके उसके गाल और गले पर चुंबन लिया ,कराहती हुई ,हर स्पर्श पर उसका बदन और intimate हो रहा था।

उसकी चूत अब पूरी तरह उसके हाथों की पकड़ में थी।मीरा ने पलंग पर अपने हाथों से उसके बाजुओं और कंधों को पकड़ लिया ,हर हलचल पर कराहती हुई।उसकी साँसें तेज़ ,होंठ फटे और बदन झुलस रहा था।

राजीव ने धीरे – धीरे नज़दीकियों को बढ़ाया।मीरा ने आँखें बंद करके अपने हाथों से उसके स्तनों और बाजुओं को कस लिया।हर पल उसका बदन intimate गर्माहट और कसाव में डूबता गया ,हर स्पर्श उसे और पागल कर रहा था।

मीरा की साँसें अब बिल्कुल उखड़ी हुई थीं ,बदन पूरी तरह वासना और गर्माहट में डूबा हुआ था।राजीव ने उसकी चूत में उँगलियाँ धीरे – धीरे घुमाई ,हर हलचल पर मीरा का बदन पलंग पर उठता और गिरता।उसने अपने हाथों से उसके बाजुओं और कंधों को कसकर पकड़ लिया ,हर स्पर्श पर उसकी intimate लालसा और बढ़ रही थी।

राजीव ने उसके स्तन को दोनों हाथों में कसकर महसूस किया ,उँगलियों से निप्पल को हल्का मरोड़ते हुए।मीरा ने हल्की कराह भरी ,टाँगें अनजाने में उसकी कमर के चारों ओर कस गईं।उसके होंठ काँप रहे थे ,और हर कराह में उसकी वासना साफ़ झलक रही थी।

" बाबा अब और मत छेड़ो " मीरा की आवाज़ काँप रही थी।राजीव ने मुस्कराते हुए उसके गाल और गले पर चुंबन बरसाए।

मीरा ने पलंग पर अपनी कमर ऊपर उठाई ,उसकी चूत में उँगलियों को महसूस करते हुए कराहती रही।राजीव ने धीरे – धीरे पल्लू को ऊपर सरकाया और उसके निप्पल पर उँगलियाँ फेरते हुए हल्का दबाव डाला।

मीरा के होंठ हल्के से फटे ,कराहती आवाज़ कमरे में गूँज रही थी।उसने अपने हाथों से राजीव की बाँहों और बाजुओं को कसकर पकड़ा।उसका बदन अब पूरी तरह गर्माहट और कसाव में डूब चुका था ,हर हलचल पर उसकी वासना और भी बढ़ रही थी।

राजीव ने उसकी टाँगों को हल्का फैलाकर कमर पर दबाव बढ़ाया।मीरा ने आँखें बंद करके उसके गाल और गले पर चुंबन लिया ,कराहती हुई ,हर स्पर्श पर उसका बदन और intimate हो रहा था।

उसकी चूत अब पूरी तरह राजीव की उँगलियों और हाथों की पकड़ में थी।मीरा ने पलंग पर अपने हाथों से उसके बाजुओं और कंधों को कस लिया ,हर हलचल पर कराहती हुई।उसकी साँसें तेज़ ,होंठ फटे और बदन झुलस रहा था।

राजीव ने धीरे – धीरे अपनी नज़दीकियों को बढ़ाया।मीरा ने आँखें बंद करके अपने हाथों से उसके स्तनों और बाजुओं को कस लिया।हर पल उसका बदन intimate गर्माहट और कसाव में डूबता गया ,हर स्पर्श उसे और पागल कर रहा था।

मीरा का बदन अब पूरी तरह वासना और गर्माहट में झुलस रहा था।राजीव ने उसकी चूत में उँगलियाँ धीरे – धीरे घुमाते हुए उसके स्तनों पर हल्का दबाव डाला।मीरा की कराह अब तेज़ हो गई ,हर हलचल में उसका बदन पलंग पर उठता और गिरता।

उसने अपने हाथों से राजीव की बाँहों और कंधों को कसकर पकड़ लिया ,लेकिन उसके हाथ खुद भी हल्के से intimate स्पर्श के असर में काँप रहे थे।राजीव ने उसके निप्पल को उँगलियों से मरोड़ते हुए धीरे – धीरे पल्लू ऊपर सरकाया।मीरा ने पलंग पर कमर उठाई और होंठ फटे ,कराहते हुए कहा , " बाबा अब और मत बहुत हो गया।"

राजीव ने मुस्कराते हुए उसके गाल पर चुंबन दिया ,फिर धीरे – धीरे उसके होंठों को छू लिया।मीरा ने अपनी आँखें बंद करके कराह भरी ,हर चुंबन और स्पर्श पर उसका बदन गर्माहट और कसाव से भर रहा था।

राजीव ने उसकी जाँघों को फैलाकर धीरे – धीरे कमर पर दबाव बढ़ाया।मीरा ने हाथों से उसकी बाजुओं और कंधों को कसकर पकड़ा ,कराहती हुई अपनी चूत की गर्माहट महसूस कर रही थी।उसकी साँसें तेज़ और असंतुलित थीं ,होंठ हल्के फटे और बदन पूरी तरह intimate एहसास में डूब चुका था।

राजीव ने धीरे – धीरे नज़दीकियों को बढ़ाया।मीरा ने अपने हाथों से उसके स्तनों और बाजुओं को कस लिया।पलंग पर उसका बदन हर हलचल पर गर्माहट ,कसाव और वासना में डूबता गया।राजीव की उँगलियाँ उसकी चूत और जाँघों में घूम रही थीं ,मीरा हर कराह पर और गहरी intimate लालसा महसूस कर रही थी।

मीरा ने सिर झुकाकर उसके गाल और गले पर चुंबन लिया ,कराहती हुई ,बदन के हर हिस्से में वासना महसूस कर रही थी।राजीव ने उसे अपने पास कसते हुए धीरे – धीरे पलंग पर खींचा।मीरा की टाँगें उसके कमर के चारों ओर लिपट गईं ,हर स्पर्श और कराह अब और तेज़ हो चुकी थी।

मीरा का बदन अब पूरी तरह वासना और गर्माहट में डूब चुका था।राजीव ने उसकी चूत में उँगलियाँ धीरे – धीरे घुमाई और हर हलचल पर उसका बदन पलंग पर उछल रहा था।मीरा ने अपने हाथों से उसकी बाँहों और कंधों को कसकर पकड़ लिया ,लेकिन खुद भी उसके intimate स्पर्श की गर्माहट में काँप रही थी।

राजीव ने उसके स्तन दोनों हाथों में कसकर महसूस किए ,उँगलियों से निप्पल पर हल्का दबाव डालते हुए।मीरा की आँखें बंद हो गईं ,होंठ फटे और हल्की कराह निकली।उसकी टाँगें अनजाने में राजीव की कमर के चारों ओर कस गईं।

" बाबा अब और मत छेड़ो " मीरा की आवाज़ कांप रही थी।राजीव ने मुस्कराकर उसके गाल और गले पर चुंबन बरसाया।मीरा ने पलंग पर कमर ऊपर उठाई ,उसकी चूत में उँगलियों की हर हलचल को महसूस करते हुए कराहती रही।

राजीव ने धीरे – धीरे पल्लू ऊपर सरकाया और उसके निप्पल को उँगलियों से मरोड़ते हुए हल्का दबाव डाला।मीरा के होंठ हल्के से खुले और कराहती हुई अपनी वासना को पूरी तरह महसूस कर रही थी।

राजीव ने उसकी जाँघों को हल्का फैलाकर कमर पर दबाव बढ़ाया।मीरा ने आँखें बंद करके उसके गाल और गले पर चुंबन लिया ,कराहती हुई हर स्पर्श पर उसका बदन और intimate हो रहा था।

उसकी चूत अब पूरी तरह राजीव की उँगलियों और हाथों की पकड़ में थी।मीरा ने पलंग पर अपने हाथों से उसके बाजुओं और कंधों को कस लिया ,हर हलचल पर कराहती हुई।उसकी साँसें तेज़ ,होंठ फटे और बदन झुलस रहा था।

राजीव ने धीरे – धीरे अपनी नज़दीकियों को बढ़ाया।मीरा ने अपने हाथों से उसके स्तनों और बाजुओं को कस लिया।हर पल उसका बदन intimate गर्माहट और कसाव में डूबता गया ,हर स्पर्श उसे और पागल कर रहा था।

मीरा का बदन अब पूरी तरह वासना और गर्माहट में झुलस रहा था।राजीव ने उसकी चूत में उँगलियाँ तेज़ी से घुमाई ,हर हलचल पर मीरा की कराहें और तेज़ हो रही थीं।उसने अपनी टाँगों को उसके कमर के चारों ओर कस लिया ,हर स्पर्श पर उसकी intimate लालसा चरम पर पहुँच रही थी।

राजीव ने उसके स्तन अपने हाथों में कसकर पकड़ लिए और निप्पल को मरोड़ते हुए धीरे – धीरे नीचे सरकाया।मीरा ने कमर उठाई ,होंठ फटे और जोर से कराहते हुए कहा , " बाबा अब और मत रुकना।"

राजीव ने पलंग पर उसे पूरी तरह समेट लिया और अपनी लंड को उसकी चूत में धीरे – धीरे घुसा दिया।मीरा ने आँखें बंद कर जोर से कराह भरी ,हर स्पर्श और दबाव पर उसका बदन उछल रहा था।उसका गांड पलंग से टकरा रही थी ,हर कराह में उसकी वासना और तेज़ हो रही थी।

राजीव ने धीरे – धीरे गति बढ़ाई ,मीरा की चूत और गांड पर हर हलचल में उसका बदन कस रहा था।मीरा ने अपने हाथों से उसके बाजुओं और कंधों को कस लिया ,कराहती हुई हर स्पर्श को और गहराई से महसूस कर रही थी।

" ओह बाबा अब मैं " मीरा ने कराहते हुए कहा ,उसके होंठों से तेज़ और खुली आह निकल रही थी।राजीव ने उसका सिर अपने गले में दबाया और तेजी से सेक्स किया।

मीरा की सारी वासना ,गर्माहट और intimate लालसा एक साथ फूट पड़ी।उसने जोर से कराहते हुए अपने बदन को पलंग पर मरोड़ लिया ,उसकी चूत ,स्तन ,और निप्पल हर स्पर्श पर झटका महसूस कर रहे थे।

राजीव ने भी अपनी पकड़ कसते हुए तेजी बढ़ाई।मीरा ने आँखें बंद कर जोर से चिल्लाया ,उसके होंठ और शरीर intimate आनंद से कांप रहे थे।पलंग पर उनकी साँसें तेज़ और असंतुलित हो गईं।

कुछ ही समय में मीरा ने जोरदार कसाव और कराह के साथ ऑर्गेज़्म का अनुभव किया ,पूरा बदन झुलस रहा था और हर अंग राजीव की गर्माहट में डूबा था।राजीव ने भी अपनी लंड से मीरा को महसूस करते हुए चरम सुख पाया ,दोनों की सांसें मिलकर कमरे में गूँज रही थीं।

मीरा ने अपने बदन को पलंग में फैलाया ,राजीव ने उसे कसकर अपनी बाँहों में समेट लिया।दोनों अभी भी intimate गर्माहट और कराह में डूबे हुए थे ,उनकी आँखों में संतोष और एक – दूसरे के लिए गहरी लालसा झलक रही थी।

 

 

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