Short Teaser
गाँव के किनारे टूटी – फूटी कोठरी जहाँ लोग कभी प्रार्थना करने आते थे।आज वहाँ सन्नाटा है ,लेकिन दीवार की जाली से किसी की भारी साँसें और दबे कराहने की आवाज़ गूँज रही है।कौन है वो ?और क्यों दीवार के उस पार बैठा किसी अजनबी को अपने पाप कबूल कर रहा है ?
Character Detail
राजन (28 साल ) – लंबा ,साँवला ,गाँव का पढ़ा – लिखा लड़का।बाहर से शांत लेकिन आँखों में दबी हुई भूख।शादी की उम्र निकल रही है ,लेकिन शरीर की आग लगातार अंदर धधक रही है।
चंपा (24 साल ) – पड़ोस की शादीशुदा औरत।गोरी ,गठीली ,बड़ी – बड़ी आँखें और कसावट भरा बदन।उसका पति शहर में मज़दूरी करता है ,महीने में एक – दो बार आता है।उसकी चाल ,मुस्कान और होंठों में हमेशा अधूरी प्यास झलकती है।
Plot / Setting
समय :शाम का वक्त ,गाँव में अंधेरा उतर रहा है।
जगह :प्रार्थना – घर का " कबूलख़ाना " – बीच में मोटी लकड़ी की दीवार ,जिस पर छोटी सी जाली है।
मूड :रहस्यमयी खामोशी ,बाहर से सुनाई देती झींगुर की आवाज़ें ,और अंदर उमड़ती – अनकही वासना।
Foreplay / Build-up
राजन पहली बार उस कबूलख़ाने में कदम रखता है।दिल में बस यही जानने की जिज्ञासा कि लोग क्यों कहते हैं यहाँ से आवाज़ें आती हैं।
दीवार के पीछे बैठते ही उसे हल्की साँसों की गर्माहट महसूस होती है।एक धीमी – सी आवाज़ आती है :" तुम कौन हो ?पाप कबूलने आए हो या पाप करने ?"
राजन हक्का – बक्का रह जाता है।लेकिन आवाज़ में जो गर्मी और नटखट teasing थी ,उसने उसकी धड़कनें तेज़ कर दीं।
राजन धीरे से बोला :" मैं बस जिज्ञासा से आया था।पर तुम्हारी आवाज़ लग रहा है जैसे मुझे खींच रही है।"
सामने से हल्की हँसी और फिर लंबी साँस सुनाई देती है।चंपा ( आवाज़ दबाते हुए ):" मतलब तुम्हें भी कुछ दबा हुआ बताना है ?या दबा हुआ छूना है ?"
दीवार की जाली से राजन ने उँगलियाँ बाहर निकालीं।सामने से किसी नर्म हथेली ने धीरे से उसकी उँगलियों को छुआ।वो स्पर्श छोटा था ,लेकिन बिजली जैसा असर हुआ।
राजन की सांस भारी हो गई।उसकी आँखों के सामने अब सिर्फ़ कल्पना थी – सामने बैठी औरत कैसी होगी ,उसके होंठ ,उसकी आँखें ,उसका बदन
बाहर से दो लड़के हँसते – खेलते गुज़रे ,आवाज़ सुनकर दोनों का रोमांच और बढ़ गया।चंपा फुसफुसाई :" चुप बाहर कोई सुन लेगा।पर तुम्हारी उँगलियों का ये खेल मुझे और खींच रहा है।"
राजन ने उसकी हथेली दबाई।" अगर सच में पाप करना है तो ये दीवार क्यों है हमारे बीच ?"
जवाब में बस एक लंबी कराह और उंगलियों की पकड़ कस गई।
Twist / Emotional
उस पल दोनों जानते थे कि ये खेल गलत है ,पर उसी गलती में एक अजीब – सी मस्ती और वासना छुपी थी।राजन के मन में पहली बार गिल्ट और लालच एक साथ उठे।चंपा ने जाली के आर – पार उँगलियाँ फिराते हुए कहा :" अगली बार और आगे बढ़ाएँगे।पर याद रखना – अगर किसी को भनक लगी ,तो ये गुप्त कबूलख़ाना हमें बर्बाद कर देगा।"
राजन की उँगलियाँ अब भी जाली के उस पार किसी नर्म हथेली से लिपटी थीं।दोनों की साँसें तेज़ हो चुकी थीं।अंधेरे में वह छोटा – सा स्पर्श ही उनके शरीर को गर्म कर रहा था।
राजन ने धीमे स्वर में कहा :" तुम्हारी उँगलियाँ कितनी नर्म हैं लगता है जैसे मेरे सीने में आग लगा रही हों।"
सामने से हल्की कराह सुनाई दी।चंपा ने धीरे से उँगलियों को कसकर दबाया और फुसफुसाई :" अगर ये दीवार न होती तो मैं तुम्हारे होंठों पर अपने दाँत गड़ा देती।"
राजन की धड़कनें और तेज़ हो गईं।उसने जाली से अपनी हथेली और आगे बढ़ाई ,अब सिर्फ़ उँगलियाँ ही नहीं ,पूरा हाथ जाली में अटककर बाहर आया।सामने से चंपा ने उसके हाथ को अपनी दोनों हथेलियों में भर लिया और उस पर अपने होंठों की गर्मी छोड़ी।
राजन काँप उठा।" तुम ये कर रही हो ?तुम्हारे होंठ इतने गर्म हैं।"
चंपा की हँसी में वासना टपक रही थी।" तो सोचो ,जब मैं अपने होंठ तुम्हारे कान ,गर्दन और नीचे तुम्हारी गरमी पर रखूँगी ,तब क्या होगा।"
बाहर से एक बार फिर झींगुरों की आवाज़ आई ,लेकिन दोनों अब पूरी तरह अपने नशे में डूब चुके थे।
Forbidden Teasing
चंपा ने राजन की हथेली पकड़कर अपने गाल से रगड़ दी।" तुम जानते हो ,जब से तुम्हें खेतों में हल चलाते देखती हूँ ,तुम्हारे पसीने की खुशबू मुझे पागल कर देती है।रात को अकेली लेटते हुए मैं अपने सीने पर हाथ फेरती हूँ और सोचती हूँ काश ये तुम्हारी हथेली होती।"
राजन की सांसें भारी हो गईं।उसने भी झुककर जाली से फुसफुसाया :" और मैं जब तुम्हें कुएँ पर पानी भरते देखता हूँ ,तुम्हारी साड़ी का गीला कपड़ा जब तुम्हारी चूचियों से चिपकता है तब मेरा लंड फटने को होता है।"
जाली के उस पार अचानक तेज़ साँसों की आवाज़ आई।चंपा ने दीवार से ही अपनी छाती दबाई ,जैसे राजन की बातें सुनकर उसकी देह में आग लग गई हो।
" बस इतना मत कहो।मेरा बदन खुद – ब – खुद थरथरा उठता है।अगर दीवार न होती ,तो तुम्हें अभी अपनी चूत में खींच लेती।"
राजन का दिल जोर – जोर से धड़कने लगा।उसने अपने होंठ जाली पर टिका दिए ,जैसे सामने से भी वही कर रही हो।
Emotional Thrill
दोनों जानते थे कि ये खेल खतरनाक है।अगर गाँव वालों ने देख लिया तो नाम मिट जाएगा।लेकिन इसी डर में एक अजीब – सी मिठास थी – forbidden thrill ।
राजन बोला :" हम यहाँ रोज़ मिलेंगे धीरे – धीरे ये दीवार भी हमें नहीं रोक पाएगी।"
चंपा ने हल्की कराह के साथ जवाब दिया :" हाँ लेकिन अगले बार मैं सिर्फ़ उँगलियाँ नहीं चाहती।मैं तुम्हारे होंठों का स्वाद चाहती हूँ।तुम्हारी चूचियों को चूमती जीभ चाहती हूँ और तुम्हारी हथेली मेरी गांड पर।"
राजन की आँखें बंद हो गईं ,उसका पूरा शरीर तपने लगा।
Cliffhanger
उसी पल बाहर से किसी के कदमों की आहट आई।दोनों अचानक चुप हो गए ,साँसें रोकीं।दरवाज़े की चरमराहट सुनाई दी कोई अंदर आने ही वाला था।
राजन ने जल्दी से फुसफुसाया :" अगली बार इस आग को पूरा करेंगे।"
चंपा ने उसकी उँगलियों को आख़िरी बार जोर से दबाया और हाथ खींच लिया।कमरा फिर से सन्नाटे में डूब गया ,बस राजन के कानों में अब भी उसकी कराहें गूँज रही थीं।
कमरा अचानक सन्नाटा हो गया।राजन और चंपा दोनों ने अपनी साँसें थाम लीं।दरवाज़े के चरमराहट की आवाज़ के बावजूद ,दोनों के मन में उबलती वासना को रोक पाना नामुमकिन था।
राजन ने धीरे से कहा :" लगता है कोई बाहर है पर ये दीवार हमें रोक नहीं सकती।"
चंपा ने उसकी बात पर हल्की हँसी दी ,जो नटखट और वासना से भरी थी।" सच में ?तो फिर ये दीवार क्यों है ?क्या सिर्फ़ हमें tease करने के लिए ?"
उसने अपनी उँगलियों से जाली के उस पार राजन के हाथों को फिर छूना शुरू किया।राजन का पूरा शरीर काँप उठा।उसने फुसफुसाया :" तुम ये कर रही हो ?तुम्हारी उँगलियाँ जैसे आग लगा रही हों।"
चंपा ने धीमे स्वर में जवाब दिया :" अगर मैं ये कर सकती हूँ ,तो सोचो जब मैं अपने होंठ भी तुम्हारे कान ,गर्दन और नीचे की गर्माहट पर रख दूँ।"
राजन ने जाली के पास अपने होंठ टिकाए।उनकी साँसें अब तेज़ और भारी हो रही थीं।दोनों के बीच अब सिर्फ़ कल्पना और हल्की छुअन ही नहीं थी ,बल्कि मन की वासना ने उनके शरीर को पूरी तरह घेरे रखा था।
Forbidden Teasing
चंपा ने धीरे – धीरे राजन के हाथ को अपनी जाली से बाहर की ओर खींचा और अपने गाल ,गले और छाती के पास ले गई।" तुम जानते हो जब तुम खेतों में हल चलाते हो ,तुम्हारे पसीने की खुशबू मेरे मन को पागल कर देती है।रात में अकेले लेटते हुए मैं अपने हाथ अपने स्तन और चूचियों पर फेरती हूँ और सोचती हूँ कि तुम्हारी हथेली यहीं होती।"
राजन की धड़कनें और तेज़ हो गईं।उसने झुककर जाली के पास फुसफुसाया :" और मैं जब तुम्हें कुएँ पर पानी भरते देखता हूँ ,तुम्हारी साड़ी का गीला कपड़ा जब तुम्हारी चूचियों से चिपकता है मेरा लंड फटने को होता है।"
चंपा ने हल्की कराह के साथ अपनी उँगलियाँ राजन के हाथ पर कस दी।" बस इतना मत कहो।मेरा बदन खुद – ब – खुद थरथरा उठता है।अगर दीवार न होती ,तो मैं तुम्हें अभी अपनी चूत में खींच लेती।"
राजन ने अपनी उँगलियाँ धीरे से उसकी हथेली पर लिपटा दी।उनकी आँखों में गिल्ट और लालच का अजीब – सा मिश्रण था।
Emotional Thrill
दोनों जानते थे कि ये सब गलत है ,लेकिन उसी गलती में एक मिठास छिपी थी।Forbidden thrill और village के खुले माहौल की छुपी हुई नज़ाकत ने उन्हें और उत्तेजित कर दिया।
चंपा ने धीमे स्वर में कहा :" अगली बार मैं सिर्फ़ उँगलियाँ नहीं चाहती।मैं तुम्हारे होंठ ,अंग ,और पूरे शरीर की गर्माहट चाहती हूँ और तुम्हारी हथेली मेरी गांड पर।"
राजन ने आँखें बंद कर लीं।उसका पूरा शरीर अब तप्त और कराहते अंगों से भर गया।
Cliffhanger
उसी वक्त बाहर से किसी के कदमों की आहट फिर से सुनाई दी।दोनों तुरंत चुप हो गए।राजन ने धीरे फुसफुसाया :" इस बार अगली बार हमें और आगे बढ़ना होगा।"
चंपा ने आख़िरी बार उसके हाथ को जोर से पकड़कर छोड़ दिया।कमरा फिर से सन्नाटे में डूब गया।लेकिन दोनों के मन में craving और लालसा की आग अभी भी जल रही थी।
कमरे में अब सन्नाटा था ,बस बाहर से कभी – कभी झींगुरों की चहचहाहट सुनाई देती थी।राजन और चंपा दोनों जाली के उस पार बैठे थे ,पर अब वे जल्दी में कुछ नहीं कर रहे थे।धीरे – धीरे ,हर स्पर्श और हर साँस का आनंद ले रहे थे।
राजन ने हल्का हँसते हुए कहा :" ये दीवार इतनी दूर होकर भी तुम्हारे होने का एहसास दिला देती है।"
चंपा ने उँगलियों को धीरे – धीरे उसकी हथेली पर रगड़ते हुए जवाब दिया :" हाँ और ये कि मैं तुम्हें देख नहीं सकती ,मुझे और खींच रहा है।हर स्पर्श छोटा है ,लेकिन लगता है जैसे पूरा शरीर जल रहा हो।"
वे बस छोटी – छोटी छुअन और हाथों के खेल में डूब गए।राजन ने धीरे से कहा :" तुम्हारी उँगलियाँ मेरे हाथों में रहकर मेरे मन को गहरा छू रही हैं।"
चंपा ने हँसते हुए फुसफुसाया :" बस इतना ही धीरे – धीरे हम अपने आप को संभालेंगे।अब बाहर कोई देख भी सकता है।लेकिन हर स्पर्श ,हर कराह मुझे और गहरा खींच रहा है।"
Forbidden Teasing (Slow)
जाली के उस पार चंपा ने धीरे – धीरे राजन की उँगलियों को अपनी हथेली में घुमाया।उसने हल्की साँसों के साथ कहा :" अजीब लगता है मैं तुम्हें देख नहीं पा रही ,लेकिन तुम्हारी गर्माहट और धड़कन महसूस कर सकती हूँ।ये सब मुझे पागल कर रहा है।"
राजन ने झुककर फुसफुसाया :" और मैं हर कराह और हर नटखट हँसी को सुनकर अपने शरीर को रोक नहीं पा रहा हूँ।बस ये दीवार हमारे बीच tease बना रही है।"
बाहर से हल्की हवा अंदर आई ,और दोनों ने उस हवा में भी आपस की गर्माहट महसूस की ।चंपा ने अपने हाथ को धीरे – धीरे राजन के हाथ पर रखते हुए कहा :" बस अभी थोड़ा और।हम धीरे – धीरे सब कुछ करेंगे।जल्दी मत करो।हर पल का आनंद लेना है।"
राजन ने आँखें बंद कर लीं।उसका दिल तेज़ धड़क रहा था ,पर उसने अपने आप को रोकते हुए धीरे – धीरे हर स्पर्श का आनंद लिया।
Emotional Thrill / Craving
धीरे – धीरे दोनों की साँसें और जुड़ीं ,लेकिन guilt और thrill भी साथ थे।राजन ने मन ही मन सोचा कि ये सब गाँव के खुले माहौल में हो रहा है ,पर अंदर की वासना उसे रोक नहीं पा रही।चंपा ने हल्की कराह के साथ कहा :" हम धीरे – धीरे आगे बढ़ेंगे और हर बार ये दीवार और ज्यादा धड़कन बढ़ाएगी।"
उनकी बातचीत ,छोटे – छोटे स्पर्श और आँखों का खेल उन्हें और ज्यादा पास ला रहा था।Craving धीरे – धीरे build हो रही थी ,लेकिन दोनों ने अभी तक कोई हड़बड़ी नहीं दिखाई।
Cliffhanger
राजन ने फुसफुसाया :" अगली बार हम और करीब होंगे।दीवार सिर्फ tease बनी रहेगी ,पर हम अपने आप को रोक नहीं पाएंगे।"
चंपा ने उसकी उँगलियों को हल्का दबाया और मुस्कुराते हुए कहा :" हाँ और अगली बार ,मैं तुम्हें धीरे – धीरे खुद के करीब महसूस कराऊँगी।"
कमरा फिर सन्नाटे में डूब गया।लेकिन दोनों के दिल अब आग और craving से जल रहे थे।
कमरे का सन्नाटा अब सिर्फ़ उनके तेज़ साँसों से भरा था।राजन और चंपा दोनों जाली के उस पार धीरे – धीरे अपने हाथों और उंगलियों का खेल बढ़ा रहे थे।हर स्पर्श अब सिर्फ़ हल्का teasing नहीं था ,बल्कि शरीर की गर्माहट महसूस कराने वाला था।
राजन ने फुसफुसाया :" तुम्हारी उँगलियाँ धीरे – धीरे मेरे हाथ में घूम रही हैं।लगता है जैसे तुम्हारा हर अंग मुझे खींच रहा हो।"
चंपा ने हँसते हुए जवाब दिया :" बस धीरे – धीरे।अगर जल्दी कर देंगे तो मज़ा नहीं आएगा।हर स्पर्श ,हर कराह मैं महसूस करना चाहती हूँ।"
राजन ने जाली से झुककर उसके हाथों को अपनी उँगलियों से घेर लिया।" तुम्हारी हथेली और तुम्हारे नखरे हर चीज़ मुझे पागल कर रही है।"
चंपा ने हल्की कराह के साथ अपनी उँगलियाँ कस दीं।" बस अभी और धीरे – धीरे।मैं तुम्हारे होंठ ,तुम्हारी उँगलियों और हर स्पर्श का आनंद लेना चाहती हूँ।"
Forbidden Teasing (Slow Peak)
चंपा ने राजन की हथेली अपने गाल और गर्दन पर रगड़ते हुए कहा :" तुम जानते हो जब तुम खेत में काम करते हो ,तुम्हारी गर्माहट ,पसीने की खुशबू मुझे और खींचती है।रात में अकेले लेटते हुए मैं सोचती हूँ कि तुम्हारी उँगलियाँ मेरे स्तन और चूचियों पर हों।"
राजन की धड़कनें तेज़ हो गईं।उसने झुककर जाली के पास फुसफुसाया :" और मैं जब तुम्हारी कराहें और हर नटखट हँसी सुनता हूँ ,मेरा मन और शरीर पागल हो जाता है।"
बाहर से हल्की हवा अंदर आई और दोनों ने आपस की गर्माहट और साँसों को महसूस किया ।चंपा ने धीरे – धीरे राजन की उँगलियों को अपनी गांड और कमर के पास ले जाकर teasing बढ़ाई।" बस अभी थोड़ा और।मैं तुम्हारी हर स्पर्श महसूस करना चाहती हूँ ,धीरे – धीरे।"
राजन ने आँखें बंद कर लीं।उसके पूरे शरीर में ताप और craving फैल गई थी।हर स्पर्श ,हर फुसफुसाहट ने उन्हें और करीब ला दिया।
Emotional Thrill / Craving
दोनों जानते थे कि ये सब गलत है।गाँव में किसी को पता लग गया तो सब बर्बाद हो सकता था।लेकिन forbidden thrill और secret touch ने उन्हें पूरी तरह बाँध लिया था।राजन ने मन ही मन सोचा कि ये दीवार केवल tease के लिए है ,पर अंदर की लालसा उसे रोक नहीं पा रही।
चंपा ने हल्की कराह के साथ कहा :" अगली बार हम और भी करीब होंगे।दीवार बस tease बनी रहेगी ,पर हम अपने आप को रोक नहीं पाएंगे।"
उनकी बातचीत ,छोटे – छोटे teasing touches और आँखों का खेल उन्हें और पास ला रहा था।Craving अब peak की ओर बढ़ रही थी ,लेकिन दोनों ने अभी तक कोई हड़बड़ी नहीं दिखाई।
Cliffhanger
राजन ने फुसफुसाया :" अगली बार मैं तुम्हें धीरे – धीरे अपने करीब महसूस कराऊँगा।अब तक हमने सिर्फ teasing की है ,पर अगली बार हर चीज़ खुलकर होगी।"
चंपा ने मुस्कुराते हुए उसकी उँगलियों को हल्का दबाया।" हाँ और अगली बार ,मैं तुम्हारे हर स्पर्श का जवाब अपने होंठों और हाथों से दूँगी।"
कमरा फिर से सन्नाटे में डूब गया।लेकिन दोनों के दिल अब वासना , craving और anticipation से जल रहे थे।
कमरे का सन्नाटा अब बिल्कुल घेर चुका था।राजन और चंपा दोनों धीरे – धीरे अपनी साँसों और उँगलियों का खेल आगे बढ़ा रहे थे।हर स्पर्श अब केवल teasing नहीं ,बल्कि physical craving और गहरे जुड़ाव का एहसास दे रहा था।
राजन ने जाली के पास फुसफुसाया :" तुम्हारी उँगलियाँ अब सिर्फ़ हाथ में नहीं ,बल्कि दिल में उतर रही हैं।लगता है जैसे हर स्पर्श मुझे और पास खींच रहा हो।"
चंपा ने हल्की हँसी दी ,जो नटखट और वासना से भरी थी।" धीरे – धीरे अब हम ज्यादा महसूस करेंगे।सिर्फ़ हाथ नहीं ,आँखों का खेल और साँसें हर चीज़ मुझे पागल कर रही हैं।"
राजन ने उसकी उँगलियों को अपनी हथेली में कसकर रखा।" तुम्हारी गर्माहट ,तुम्हारी साँसें सब कुछ मुझे खींच रही हैं।अब लगता है जैसे दीवार भी हमें रोक नहीं सकती।"
चंपा ने हल्की कराह के साथ फुसफुसाया :" हाँ और अगली बार ,मैं तुम्हारे हर स्पर्श का जवाब अपने हाथों और होंठों से दूँगी।अभी बस tease ही सही ,पर craving बढ़ रही है।"
Forbidden Teasing (Slow & Intense)
जाली के उस पार चंपा ने धीरे – धीरे राजन की उँगलियों को अपनी कमर और कमर के पास के हिस्सों पर घुमाया।" तुम जानते हो जब तुम खेत में हल चलाते हो ,तुम्हारे पसीने की खुशबू और गर्माहट मुझे और खींचती है।हर पल मैं सोचती हूँ ,काश ये दीवार न होती।मैं तुम्हारे हर अंग को महसूस करना चाहती।"
राजन की धड़कनें तेज़ हो गईं।उसने झुककर फुसफुसाया :" और मैं हर कराह और हर नटखट हँसी सुनकर खुद को रोक नहीं पा रहा।अब लगता है जैसे मेरा मन और शरीर तुम्हारे लिए तरस रहे हैं।"
बाहर हल्की हवा आई।दोनों ने आपस की warmth और सांसों का rhythm महसूस किया।चंपा ने धीरे – धीरे राजन की उँगलियों को अपनी जांघों और कमर के पास ले जाकर teasing बढ़ाई।
" बस अभी थोड़ा और।हर स्पर्श को महसूस करना है ,धीरे – धीरे।"
राजन ने आँखें बंद कर लीं।हर स्पर्श ,हर हल्की कराह और हर teasing glance ने उनके दिल में vasna और craving की आग भड़काई।
Emotional Thrill / Craving
दोनों जानते थे कि ये सब गलत है।गाँव में कोई देख ले तो सब बर्बाद।लेकिन forbidden thrill और secret intimacy ने उन्हें पूरी तरह बाँध लिया था।
राजन ने मन ही मन सोचा कि ये दीवार केवल tease के लिए है ,पर अंदर की लालसा उसे रोक नहीं पा रही।चंपा ने फुसफुसाया :" अगली बार हम और भी करीब होंगे।अब तक हमने teasing की है ,अगली बार हर चीज़ खुलकर होगी।"
उनकी आँखों का खेल ,हाथों की हल्की छुअन और धीमी – धीमी साँसों का rhythm अब peak पर था।Craving और anticipation अब maximum तक पहुँच गई थी ,लेकिन दोनों ने अभी तक कोई hasty move नहीं किया।
Cliffhanger
राजन ने धीरे फुसफुसाया :" अगली बार मैं तुम्हें अपने और करीब महसूस कराऊँगा।अब तक सिर्फ teasing थी ,पर अगली बार हर चीज़ खुलकर होगी।"
चंपा ने उसकी उँगलियों को हल्का दबाया और मुस्कुराते हुए कहा :" हाँ और अगली बार ,मैं तुम्हारे हर स्पर्श का जवाब अपने हाथों और होंठों से दूँगी।अब तक हम सिर्फ़ fire को tease कर रहे थे ,अगली बार आग फैल जाएगी।"
कमरा फिर सन्नाटे में डूब गया।लेकिन दोनों के दिल अब आग , craving और anticipation से जल रहे थे।
राजन और चंपा दोनों अब दीवार के उस पार करीब थे।हर स्पर्श ,हर कराह और हर साँस ने वासना और craving को चरम पर पहुँचाया था।राजन ने फुसफुसाया :" अब और नहीं रोक सकते हर स्पर्श ,हर गर्माहट मुझे खींच रही है।"
चंपा ने हल्की हँसी के साथ जवाब दिया :" हाँ अब तक हमने सिर्फ teasing किया।अब हर चीज़ खुलकर महसूस होगी।"
दोनों ने धीरे – धीरे अपने हाथों और अंगों का खेल बढ़ाया।होंठ ,हाथ और आँखों का खेल अब climax की ओर झुक रहा था।
Forbidden Intimacy / Climax
जाली के उस पार चंपा ने धीरे – धीरे राजन की उँगलियों को अपनी कमर ,स्तन और चूचियों पर घुमाया।राजन ने उसकी गर्माहट को महसूस करते हुए धीरे – धीरे उसके अंगों को छुआ।हर स्पर्श में अब vasna, craving और intimate touch पूरी तरह dominate कर रहा था।
चंपा ने कराहते हुए कहा :" अब मेरे होंठ ,मेरे हाथ तुम्हारे हर स्पर्श का जवाब देंगे।"
राजन ने उसकी आँखों में देखते हुए धीरे – धीरे अपने होंठ उसके गाल ,गर्दन और कंधे पर टिकाए।हर कराह ,हर फुसफुसाहट ने passion और lust को और बढ़ा दिया।
बाहर से गाँव की हल्की आवाज़ें सुनाई देती थीं ,लेकिन अंदर का माहौल पूरी तरह private और forbidden thrill से भरा था।दोनों अब पूरी तरह अपने शरीर और मन की लालसा में डूब चुके थे।
Emotional / Craving
राजन और चंपा दोनों जानते थे कि ये सब गलत है ,लेकिन forbidden pleasure उन्हें रोक नहीं पा रहा था।हर स्पर्श में guilt, thrill और craving का मिश्रण था।चंपा ने फुसफुसाया :" अगली बार भी ये दीवार हमें रोक नहीं पाएगी।हर स्पर्श ,हर हँसी ,हर कराह हमें और पास लाएगी।"
राजन ने उसकी उँगलियों को अपनी हथेली में कसकर पकड़ लिया।" और मैं हर बार तुम्हारे पास आकर तुम्हारे शरीर और गर्माहट को महसूस करना चाहता हूँ।अब तक tease था ,अगली बार सब खुलकर होगा।"
Twist / Emotional Hook
अंत में ,जब दोनों थोड़ी देर के लिए थमे और सुकून की साँसें लेने लगे ,राजन ने धीरे फुसफुसाया :" क्या तुम्हें लगता है कि सिर्फ ये एक बार रहेगा ?अगली बार हम और भी करीब होंगे और दीवार सिर्फ witness बनेगी।"
चंपा ने मुस्कुराते हुए उसकी उँगलियों को दबाया और जवाब दिया :" हाँ अगली बार ,मैं तुम्हारे हर स्पर्श का जवाब अपने होंठों और हाथों से दूँगी।लेकिन अब हमें और इंतजार करना होगा।"
कमरा फिर सन्नाटे में डूब गया।लेकिन दोनों के दिल अब craving, lust और forbidden thrill से जल रहे थे।